आज हर इंसान इतना इतना ज्यादा दुनिया दारी में व्यस्त हो गया हैं , की वह खुद के लिए समय कैसे निकाले ( How to find time for yourself) यह भूल ही गया हैं। हर इंसान अपनी जिम्मेदारियों को अच्छे से निभाना चाहता हैं , ये बात बहुत अच्छी है पर क्या आपने सोचा की अगर आप अपना ध्यान नहीं रख रहे हैं तो कल दूसरों का ध्यान कैसे रखेंगे ।
खुद के लिए समय न निकाल पाना आज समाज में समस्या सी बनती जा रही हैं, यह सिर्फ एक इंसान की बात नहीं, ज्यादा से ज्यादा लोग इसके चक्कर में आ चुके हैं ।
सबसे पहले तो ये समझना हैं की हम रिश्तों में बधे जरूर हैं लेकिन हमारी प्राथमिकता हम खुद ही हैं, क्योंकि अगर आप सही रहेंगे तभी आप दूसरों के सुख और दुःख में खड़े रह सकते हैं ।
आज आप सभी का ध्यान रखने के चक्कर में अपना ध्यान नहीं रख पा रहे है, इसका सीधा असर आप पे पड़ेगा ना की औरो पे ।
अगर आपको दर्द हैं तो उस दर्द का अहसास भी सिर्फ आपको हैं , इसलिए थोड़ा अपने लिए भी जीना कोई गलत बात नहीं । हमे कुछ ऐसा रास्ता निकालना हैं जिससे हम अपनों के ध्यान रखने के साथ -साथ अपना भी ध्यान रख सके ।
हम सबको ये जानना जरुरी होगा की हम खुद के लिए समय कैसे निकाले और खुद के लिए समय निकालना क्यों जरुरी हैं ।
- खुद के लिए समय निकालने के तरीके
- जिम्मेदारियों को बाटें (Share the responsibilities)
- समानता का अधिकार हो (Have the right to equality)
- अपने आप अपनी दिनचर्या बनाये (Make your own routine)
- काम उतना ही करे जितना आराम से हो (Work as much as is comfortable)
- अपने आप को भी महत्व दे (Give importance to yourself)
- अपनी बात भी कहे (Speak your mind)
- हसना सीखे (Learn to laugh)
- आत्मनिर्भर बने (Become independent)
- फीलिंग्स को कण्ट्रोल करना सीखे (Learn to control feelings)
खुद के लिए समय निकालने के तरीके
हमारे थोड़े से प्रयास से ही हम अपने लिए समय भी निकाल सकते हैं और जीवन में सकारात्मक और खुश भी रह सकते हैं ।
नीचे कुछ तरीके बताये गए हैं , ध्यान से पढ़िए और उनकर अमल करिये ।
जिम्मेदारियों को बाटें (Share the responsibilities)
अगर सबके जीवन को खुशहाल बनाना हैं तो हम सबको अपनी जिम्मेदारियों को बांटना होगा, हम सारी चीजे तो बांटना चाहते हैं, लेकिन जिम्मेदारी को नहीं, ऐसा क्यों , क्या घर में किसी एक इंसान की ही सारी जिम्मेदारी हैं ।
जैसे ऑफिस में अलग अलग डिपार्टमेंट होते हैं वैसे ही घर में भी होना चाहिए, बड़ों के काम बड़े करे, छोटो के काम छोटे करे ऐसा होना चाहिए ।
पर आज ऐसा बिलकुल नहीं हैं घर के किसी एक इंसान ने सारा बोझ अपने कंधो पे ले रखा हैं , और सारे आराम से रह रहे हैं, तो ये बिलकुल गलत हैं । जो इंसान अकेले सारी चीजों को मैनेज कर रहा हैं वह कहा से अपने लिए समय निकाल पायेगा ।
समानता का अधिकार हो (Have the right to equality)
आज की दुनिया में अच्छी बातेँ तो सिर्फ किताबों में पढ़ने को मिलती हैं, जिंदगी में नहीं देखने को नहीं मिलती । आज समानता को लेकर कितने ही कानून बन जाए , लेकिन लोग उनपर अमल नहीं करना चाहते ।
भारतीय संविधान के भाग-3 के अनुच्छेद-15 में सभी को समानता का अधिकार हैं, जिसमे साधारण भाषा में लिखा गया हैं की, “राज्य किसी नागरिक के खिलाफ सिर्फ धर्म, मूल, वंश, जाति, लिंग, जन्मस्थान या इनमें से किसी के आधार पर कोई भेद नहीं करेगा.”
ये देश में नहीं बल्कि बहुत सारे घरों में हो रहा हैं । अच्छी बातेँ पता सबको है पर उसपर अमल कोई भी नहीं करना चाहता हैं ।
अपने आप अपनी दिनचर्या बनाये (Make your own routine)
आप को खुद अपनी दिनचर्या बनानी हैं और वह दिनचर्या ऐसे बनाये जिसमे आप अपने लिए भी कुछ समय रखे और उस समय में आप जो भी करना चाहते हैं , चाहे आप किताबे पड़े, टीवी देखे, लोगो से बात करें, डांस करे, गाने की प्रैक्टिस करे, अपना फेसिअल करे, पार्लर जाए, आराम करे या फिर सो जाए, ये सब आपको देखना हैं की उस थोड़े से समय में आप खुद को कैसे जीए ।
काम उतना ही करे जितना आराम से हो (Work as much as is comfortable)
हम हमेशा काम में लगे रहते हैं और अपना ध्यान नहीं रखते हैं , इसका परिणाम क्या होता हैं की हम अपनी भी कोई जिंदगी है, कुछ सपने है, कुछ करने का मन हैं , ये सारी बाते अपने दिमाग से हटा देता हैं, बल्कि ये सोचते हैं की उसके लिए ये करना है, पहले ये काम करना हैं ।
अपने आप को भी महत्व दे (Give importance to yourself)
आज हर इंसान महान बनने के चक्कर में या जिम्मेदारियों में फसकर अपने आप को महत्व देना ही भूल गया हैं, हम सबको खिलाकर खाएंगे, हम सारा काम ख़तम करेंगे, हम घर भी मैनेज करेंगे और ऑफिस भी, कहने का मतलब हैं ज्यादा से ज्यादा काम को ले लेना ।
अपनी बात भी कहे (Speak your mind)
समाज और घर में अपनी बात भी कहे, भले लोग उस बात को माने या ना माने, आप अपनी बात बताकर ये अहसास जरूर दिलवाये की आप जीवन में क्या चाहते हैं ।
ज्यादा चुप्पी भी इंसान की खुद की दुश्मन हैं ।
आप हर बात में सिर्फ हां ही ना कहे कभी तो आप अपने दिल की बात कह कर अपने आप को भी खुश करे।
जैसे आप सबको खुश रखते हैं वैसे ही आप अपने आपको खुश रखे ।
हसना सीखे (Learn to laugh)
आप खूब हंसो, अपने चेहरे से मुस्कराहट को जाने ना दो, हमेशा हस्ते रहो । आप को कोई नोटिस भी नहीं करेगा की आप कितने समय से हसना तो दूर सही से मुस्कराये भी नहीं ।
आत्मनिर्भर बने (Become independent)
आत्मनिर्भर बनने से मतलब हैं खुद की skill को और बढ़ाये, खुद से डिसिशन ले । जब आप अपने लिए कुछ करेंगे तो खुद पे खुद आप अपने लिए समय निकालने लगेंगे ।
फीलिंग्स को कण्ट्रोल करना सीखे (Learn to control feelings)
ज्यादा इमोशनल ना हो, कोई भी आपका फायदा उठा सकता हैं , अपनी फीलिंग्स को कण्ट्रोल करके आप अपने आप को फ्रॉड लोगो से बचा सकते हैं ।
लोग आपको ऐसी ऐसी बाते कहेगे की आप खुद का सुख भूलकर सबकी सेवा में लग जायेगे, और समय निकलने के बाद पछतायेंगे ।