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कोई भी married couple जब पहली बार माँ – बाप बनते हैं तो उनके मन में बहुत से सवाल होते हैं, उन सवालों में सबसे common हैं How to be good parents हर पेरेंट्स अपने बच्चो से बहुत प्यार करते हैं, पर ऐसी और कौन सी आदतें अपनायी जाए जिससे और अच्छे माता – पिता बन सके। माता -पिता जो हर बच्चे के लिए पूरी दुनिया होते हैं। माँ -बाप बनना दुनिया का सबसे बड़ा सुख हैं।

किसी भी बच्चे का रिलेशन उसके पेरेंट्स के साथ बिलकुल अनूठा होता हैं। ये रिश्ता बहुत ज्यादा सच्चा होता हैं।

बच्चों को पर्याप्त समय दे

आज ये सवाल तो हर पेरेंट्स के लिए बनता है की क्या आप अपने बच्चे को उतना समय दे पा रहे हैं जितना जरुरी हैं। शायद बहुत ही कम लोग होंगे जो yes कहेंगे क्योंकि आज पेरेंट्स की गलती नहीं हैं जीवन को अच्छे से निर्वाह करने के लिए बाहर जॉब या व्यापार के लिए जाना ही पड़ता हैं।

पैसा आज सबसे बड़ी जरुरत हैं, इसलिए ये भी नहीं कहा जा सकता हैं की आप सारा काम धंधा छोड़ कर अपने बच्चे के पास में बैठ जाए पर फिर भी क्या कुछ हो सकता हैं, जिससे आप दोनों में से कोई एक घर पे रहकर अपने बच्चे को सही परवरिश दे सके जिसका वह हक़दार हैं।

आज हर कोई अकेले रहता हैं, ऐसे में घर के छोटे बच्चे सबसे ज्यादा परेशान होते हैं, कहने को तो मैनेज करते ही हैं, पर जो चीजे उनको मिलनी चाहिए वह नहीं मिल पाती हैं।

आज बच्चों के कारण ही ज्यादातर महिलाये अपनी जॉब से कोम्प्रोमाईज़ करती हैं और घर में रहना ही पसंद करती हैं, क्योंकि उन्हें पता हैं की आज यदि उन्होंने अपने बच्चे को समय नहीं दिया तो इसके बुरे परिणाम कल देखने को जरूर मिलेंगे, कुछ बुरा न हुआ तो कुछ ना कुछ मिसिंग जरूर होगा जिसके साइड इफ़ेक्ट आपको आगे चलकर देखने को मिलेंगे।

How to be good parents
How to be good parents

बच्चों को यदि पर्याप्त समय ना दिया जाए तो इसकी वजह से बच्चा चिड़चिड़ा हो सकता हैं, शांत हो सकता हैं और अंदर ही अंदर परेशान रह सकता हैं।

आप एक बच्चे की जगह पे जाके देखे और सोचे की वह आपसे क्या चाहता हैं, शायद वह आपसे कह ना पा रहा हो इसलिए आपको समझदारी से सोचना होगा की क्या सही है और क्या गलत हैं।

आज हर कोई पैसे कमाने के लिए घर से निकलता हैं, ऐसे में यदि आपको घर बैठे पैसे कमाने का मौका मिल जाए तो झट से ले लेना चाहिए क्योंकि इससे आप अपने बच्चे और परिवार दोनों को समय दे पाएंगे।

आज की भागम – भाग जिंदगी को कोई भी व्यक्ति पसंद नहीं करता हैं, पर मजबूरी में हर कोई काम करता हैं, क्योंकि और कोई ऑप्शन भी नहीं हैं।

आज बहुत से तो ऐसे लोग हैं की वह अपनी जॉब और व्यापार के चक्कर में अपने बच्चों से दिनों, महीनो और सालों तक नहीं मिल पाते हैं, ये कितना कष्ट दायी हैं आप समझ सकते हैं, ऐसे बच्चे हमेशा अपने पेरेंट्स की और सिर्फ इस इच्छा से देखते हैं की बस हमे भी थोड़ा टाइम दे दो।

यदि कोई भी पेरेंट्स अपने बच्चों को समय नहीं दे रहे हैं तो बहुत ज्यादा चान्सेस हैं बच्चे के बिगड़ने के, क्योंकि बढ़ती उम्र में किसी भी बच्चे को सबसे ज्यादा जरुरत उसके पेरेंट्स की होती हैं।

एक बात ये भी सोचने की हैं, आज अपने बच्चे को समय नहीं दे पा रहे हैं, कल शायद आपका बच्चा इतना बिजी हो जाए की उसके पास आपके लिए समय ना हो, ऐसे में वह करे जो आपके बच्चे के लिए ठीक हो, आपके बच्चे के लिए पैसा जितना जरुरी हैं, उससे कही ज्यादा आपका प्यार और गाइडेंस भी जरुरी हैं।

आज आप पैसा किसके लिए कमा रहे हैं, अपने बच्चे के लिए ना, पर ऐसे पैसे का भी कोई मोल नहीं जिसमे पेरेंट्स का प्यार और समय ना हो।

जिन बच्चों के पास उनके पेरेंट्स का समय नहीं होता हैं, ऐसे बच्चे अपने मन के मालिक बन जाते हैं, और जो उन्हें ठीक लगता हैं, वही करते हैं। कोई भी व्यक्ति गलती तब नहीं करता हैं, जब हर कोई उसमे रूचि लेता हैं, सोच के देखिये यदि आपसे कोई मतलब ना रखे, तो क्या आप किसी की परवाह करेंगे, बिलकुल नहीं।

बच्चों की जरूरतों को समझे

जब आपके पास समय होगा तो आप अपने बच्चों की जरूरतों को भी समझ पाएंगे। आप ध्यान रख पाएंगे की कब क्या आपके बच्चे को चाहिए। ये बहुत जरुरी हैं, और ऐसा करने से आपके बच्चे का मनोबल बढ़ेगा, उसे ये अहसास रहेगा की उसके माता -पिता हर सिचुएशन में उसके साथ हैं।

आज सबको सब पता हैं, की कब क्या करना चाहिए, पर शायद समय नहीं हैं, तो ऐसे में समय को सही मैनेज करके अपने बच्चे की जरूरतों को पूरा करे। आज आपके बच्चे को जो आपसे मिलेगा, वही वह अपने बच्चों को आगे ट्रांसफर करेगा।

कोई भी बच्चा अकेले में रहकर ना ही अपनी जरूरतों को समझ पाता और ना उन्हें पूरा कर पाता हैं, ऐसे में यदि माँ -बाप आस -पास होंगे तो उसे ज्यादा अच्छे से गाइड कर पाएंगे।

बच्चे की सारी जिम्मेदारी माँ -बाप की होती हैं की वह उसकी जरूरतों का पूरा ख़याल रखे।

बच्चों को भी उनके कर्त्तव्य बताये

आप माता – पिता के रूप में अपने कर्तव्यों को बहुत अच्छे से निभा रहे हैं, ऐसे में अपने बच्चे को भी बताईये की उसे क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।

अक्सर लोग अपने बच्चे के प्यार में इतने अंधे हो जाते हैं की उसे सही और गलत में फर्क करना ही नहीं सिखाते हैं और फिर बुढ़ापे में बच्चे को कोसते हैं की ये ऐसा हैं।

कोई भी बच्चा जब छोटा होता हैं, तभी से आप उसे सही और गलत बताये, उसके आपके प्रति और परिवार के प्रति क्या कर्त्तव्य हैं, बताईये, जिससे बड़ा होते -होते वह अपने कर्तव्यों को भी पूरा करता रहेगा।

अपने बच्चे को सिखाये, की बड़ो आदर करना अनिवार्य हैं, फिर चाहे बड़े गलत ही क्यों ना हो, जब आप अपने बच्चे को बचपन से ऐसी बातें सिखाएंगे तो बड़ा होकर वह हर व्यक्ति का आदर भी करेगा और अपने अन्य कर्तव्यों का भी निर्वाहन करेगा।

उचित समय आने पे दोस्त के जैसा व्यवहार करे

जब बच्चा बड़ा होने लगे तो माहौल देखकर अपने बच्चे के साथ दोस्ताना व्यवहार भी करे। अपने बच्चे को खुद के साथ कम्फर्टेबले करे जिससे वह आसानी से अपने मन के विचार आपसे सांझा कर पाए।

आज communication gap इतना ज्यादा हैं की अक्सर बच्चे अपनी बात को अपने माता -पिता से ना कहके पूरी दुनिया से कह लेते हैं, और इससे बाद में बहुत सी परेशानियों को भी झेलना पड़ता हैं।

आप हर समय अपने बच्चे को सिर्फ डांटें और फटकारे ना, बल्कि आराम से शांत होकर उसकी एक्टिविटीज पे ध्यान दे, शायद ऐसी कोई बात हो जो आप ना समझ पा रहे हो, जब आप दोस्त की तरह पेश आएंगे, तो आपका बच्चा खुद पे खुद आपसे अपनी मन की बात को शेयर कर लेगा, जिससे आप उसका सही मार्गदर्शन कर सकते हैं।

अच्छी वैल्यूज दे

बच्चों को अच्छी वैल्यूज दे, जैसे- सबका आदर करना, किसी की निंदा ना करना , सबसे प्यार करना, सदा सत्य बोलना, लड़ाई -झगडे से दूर रहना, पढ़ाई -लिखाई में मन लगाना, गरीबों की मदद करना, जिद्द ना करना, लोगो के प्रति विनम्र होना, अपने समय को सही जगह लगाना, बेकार की बातों में अपना समय ना नष्ट करना, इत्यादि।

अक्सर आपने भी लोगो से सुना होगा की माँ -बाप की परवरिश का असर बच्चों पे जरूर आता हैं, ऐसे में आप बचपन से अपने बच्चे को अच्छी आदतें सिखाये, जिससे बड़ा होकर वह एक अच्छा और नेक इंसान बन सके।

खाने का पूरा ध्यान रखे


यदि बच्चे को बचपन से ही पौष्टिक भोजन ना मिला, तो बच्चे का physical and mental development अच्छा नहीं हो पायेगा। ऐसे में अपने बच्चे के खाने का पूरा ख्याल रखे क्योंकि यदि आज आपने सही ध्यान नहीं रखा तो आपके बच्चे की हेल्थ पे इसका असर आने वाले समय में दिखेगा।

आप खुद भी ध्यान रखे, और अपने बच्चे को हेल्थ का महत्व बताये, उसे बताये की क्या चीज खा कर वह अपने आप को और ज्यादा लम्बे समय तक स्वस्थ रख सकते हैं।

बच्चे को नहीं पता हैं, की उसके लिए खाने में क्या सही हैं और क्या गलत हैं, ऐसे में आप उसे गाइड करे और वह खिलाये जो उसके स्वास्थय के लिए अच्छा हैं।

बच्चे की दिनचर्या को भी व्यवस्थित करने में मदद करे

आप बच्चे से बड़े हैं, समझदार हैं, आप अपने बच्चे को बताये की कब क्या करना हैं। आजकल ज्यादातर पेरेंट्स ध्यान नहीं देते हैं, और सोचते हैं की बच्चा अपने आप से कर लेगा, जो की पेरेंट्स की सबसे बड़ी भूल हैं।

बच्चा तो छोटा हैं, उसे नहीं पता कितनी देर टीवी देखनी हैं, कितनी देर मोबाइल चलाना हैं और कितनी देर खेलना हैं, इसलिए आप उसकी हेल्प करे और एक ऐसी व्यवस्थित दिनचर्या बनवाने में मदद करे जिसको अपनाकर आप का बच्चा लाइफ में सफलता की सीढ़ियों पे चढ़ सके।

बच्चे के अंदर आत्म -विश्वास जगाये

कभी भी अपने बच्चे की तुलना किसी अन्य बच्चे से ना करे, और ना ही अपने बच्चे को डिमोटिवेट करे, सदैव उसका कॉन्फिडेंस बढ़ाते रहे। तुम कर सकती हो, या तुम कर सकते हो, इस तरह के वाक्यों का प्रयोग करे।

आपके द्वारा दिया गया कॉन्फिडेंस आपके बच्चे को जीवन भर काम आने वाला हैं। आप उसे अहसास दिलाये की आप उसके साथ हैं, ऐसा करने से आपका बच्चा और ज्यादा आत्म -विश्वास से भर जाएगा।

आपके बच्चे से ज्यादा और कोई भी इम्पोर्टेन्ट नहीं हैं, ये अपने बच्चे को बताये, अक्सर लोग प्यार जताने में भी शर्म करते हैं, और खुलकर अपनी बात नहीं कहते हैं।

आपको वह सब करना हैं और बोलना हैं जिससे आपके बच्चे का आत्म -विश्वास बढे और उन बातों को अवॉयड करना हैं जिससे आपके बच्चे का मनोबल डाउन हो।

बच्चों के सामने झूठ ना बोले

माता -पिता की छवि बच्चों के दिमाग में भर जाती हैं, और वह जैसा अपने घर के अंदर मौहाल देखते हैं, वैसे ही वह बनते चले जाते हैं। इसलिए ऐसा कुछ ना बोले और कहे जिसे आप अपने बच्चे के मुँह से नहीं सुनना चाहते हैं।

बच्चा अच्छा – बुरा सब, अपने घर से ही सीखता हैं, उसके बाद बाहर से, इसलिए सबसे पहले घर के अंदर अच्छा और शांत मौहाल रखे।

बच्चों के सामने लड़ाई ना करे

यदि घर के अंदर आपका किसी से भी कोई विवाद चल भी रहा हैं तो उसका डिस्कशन अपने बच्चे के सामने ना करे। जो बच्चे बचपन से लड़ाई -झगडे को देखते हैं, उनका मानसिक विकास रुक जाता हैं और उन्हें रिश्तों से भी नफरत होने लगती हैं इसलिए अपने घर का माहौल खुशनुमा रखे और कोशिश करे की हर प्रॉब्लम को शांति के साथ सुलझा लिया जाए।

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