जैसी संगत वैसी रंगत, (Jaisi Sangat Vaisi Rangat ) ये लाइन सबने सुनी होगी, पर क्या वास्तव में ये सच हैं कि आप जैसे लोगो से साथ रहते हैं, वैसे ही बनते चले जाते हैं। जी हाँ ये सोलह आने सही हैं, दुनिया में जितने भी सफल लोग हैं, उन्होंने इस बारे में उनके द्वारा लिखी गयी किताबों में भी बताया हैं।
अगर आपको किसी के बारे में जानना हो, तो उसके दोस्तों को जान लीजिये, आपको बहुत कुछ पता चल जाएगा, इसलिए किसके साथ आपको कितनी दूर तक जाना, ये बिलकुल सोचने वाली बात हैं।
अक्सर हम सोचते हैं कि क्या फर्क पड़ता हैं, कि हम किसके साथ उठते -बैठते हैं, पर देखा जाए तो इसका बहुत असर पड़ता हैं।
आप जैसे लोगो की संगत करेंगे, वैसे ही बनेगे, इसलिए आपको जीवन में जहा पहुंचना हैं, उसके हिसाब से लोगो को अपने करीब रखिये, यदि आप डॉक्टर बनना चाहते हैं, तो ऐसे लोगो से दोस्ती करे, जो मेडिकल लाइन में जाना चाहते हैं, क्योंकि ऐसे लोगों से आपको बहुत कुछ सीखने को भी मिलेगा और आपको एक सही दिशा भी मिलेगी।
जब आप सफल हो जाए तब चाहे कैसे भी लोगो के साथ बात करे, लेकिन जीवन में जब तक आप सफल नहीं होते हैं, आपको सोच समझकर ही दोस्तों और लोगो से जुड़ना होगा।
संगत का असर इसलिए भी कहा जाता हैं क्योंकि आपके दोस्त जितने अच्छे समझदार, पढ़ने में अच्छे होंगे, आप सिर्फ उन तक ही अपनी सोच को पहुंचा पाएंगे, पर यदि आपके दोस्त आपसे ज्यादा पढ़ने में अच्छे, well skilled होंगे तो आप उनसे बहुत ज्यादा सीख पाएंगे।
दुनिया में सभी एक दूसरे से देखकर ही तो सीखते हैं, जो आदत एक बच्चें की बचपन में होती हैं, उसे वैसा ही खिलौना चाहिए जैसा उसके दोस्त के पास हैं, ये सिलसिला बचपन से लेकर जवानी तक चलता रहता हैं, और ऐसे में समझ सकते हैं कि यदि गलती से एक दोस्त गलत रास्ते पे चला गया हैं, तो दूसरा भी जाएगा। एक चोरी करने वाले इंसान की दोस्ती भी उसके जैसे ही इंसानों से होगी और एक पढ़नेवाले, योग्य, और सफल होने वाले व्यक्ति की दोस्ती भी उसके जैसे लोगो से होगी।
जो जैसा देखता और सुनता हैं, वह भी वैसे ही दुनिया को देखता हैं। जो जिस व्यक्ति के साथ जितना ज्यादा समय व्यतीत करता हैं, वह धीरे -धीरे उनके जैसा ही बन जाता हैं।
आज भी यही ट्रेंड हैं, कि एक दोस्त ने जो पहनना हैं, खाना हैं, जहा जाना हैं, जैसे कपडे पहनने हैं, दूसरे दोस्त का भी बस चले तो वैसा ही करना हैं।
कहने का मतलब ये हैं कि जैसी संगत वैसी रंगत, बिलकुल सही हैं इसलिए आप अपने पांच दोस्तों को देखिये कि वह कैसे हैं, कितने सफल हैं क्योंकि आप भी वैसे या तो बन चुके होंगे या तो बनने वाले होंगे।
संगति का मनुष्य के जीवन पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है। ज्ञानियों और योगियों ने भी कहा कि एक व्यक्ति का जीवन उसके चरित्र से बनता हैं और अच्छा चरित्र एक चरित्रवान व्यक्ति से बनता हैं। अच्छे लोगों की संगत करने से बुद्धि का विकास होता हैं, जीवन में अधिक सफलता मिलती हैं, जीवन को जीने का सही तरीका आता हैं और समाज में एक अलग पहचान बनती हैं और बुरे लोगों की संगत से बुद्धि नष्ट होती हैं, और समाज में अपमान होता हैं।
संगति के आधार पर ही समाज मे आदर और प्रतिष्ठा मिल सकती हैं। अच्छी संगति से ही मनुष्य का सर्वांगीण विकास होता है।
जीवन में हमेशा अच्छे लोगों की संगत करे, जिससे आप अच्छे बन सके और आपके दोस्त भी अच्छे बन सके। जीवन में एक गुरु जरूर बनाये, जो आपका सही मार्गदर्शन करे, क्योंकि किताबे आपको किताबी ज्ञान देंगी और जीवन की वास्तविकता को समझने के लिए आपको एक योग्य गुरु की जरुरत हैं।