अगर आप भी parents बनने जा रहे हैं, या बनने का प्लान कर रहे हैं तो ऐसे में कुछ पेरेंटिंग टिप्स (Parenting Tips) ले लेना जरुरी हैं इससे एक तो आप पहले से तैयार रहेंगे और अपने बच्चे का भी सही मार्ग दर्शन करने में सक्षम होंगे ।
माता – पिता बनना जितने सौभाग्य की बात हैं, उतना ही कठिन हैं उस रिश्ते को अच्छे से निभाना ।
माँ बाप का रिश्ता जो की बच्चो से निस्वार्थ होता हैं और सबसे अटूट होता हैं । माँ बाप के लिए अपने बच्चो को शिक्षा – दीक्षा देना एक ही महत्व पूर्ण काम हैं ।
ये जीवन का एक ऐसा दौर हैं, जिससे हर व्यक्ति हो होकर गुजरना पड़ता हैं , ऐसे में बहुत सारी चीजे हमे तब समझ में आती हैं जब हम खुद माँ – बाप बनते हैं ।
- अपने बच्चो को सिखाये और बताये (Teach and tell your kids)
- फ्रूटफुल माहौल दे (Give fruitful atmosphere)
- झूठ को कभी प्रमोट ना करे (Never promote a lie)
- अच्छी आदतें सिखाये (Teach good habits)
- बच्चे के सामने उचित व्यवहार (Proper behavior in front of the child)
- बच्चो में किसी भी प्रकार का भेद ना करें (Do not discriminate between children)
- लड़का और लड़की के भेद को करे ख़तम (Put an end to the difference between a boy and a girl)
- बच्चे को हमेशा मेन्टल सपोर्ट करते रहे (Always give mental support to the child)
- दुनियादारी की बातों पर ज्यादा ध्यान ना दे (Don’t pay too much attention to the things of the world)
- अपने बच्चों के बारे में दूसरों से गलत बात न करें (Do not bad talk about your children with others)
- बचपन से ही अच्छे संस्कार दे (Give good values from childhood)
- कुछ भी बोलने और करने से पहले उसके परिणाम के बारे में सोचे (Before speaking and doing anything, think about the consequences)
- कम्युनिकेशन गैप को ख़तम करें (End the communication gap)
- अपने बच्चे को हमेशा सच का साथ देने के लिए प्रेरित करे (Motivate your child to always support the truth)
अपने बच्चो को सिखाये और बताये (Teach and tell your kids)
- ईमानदारी सिखाये
- रेस्पेक्ट की वैल्यू
- बड़ों का सम्मान
- प्यार और स्नेह
- सही मार्गदर्शन
अच्छे माता पिता बनने के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए ।
फ्रूटफुल माहौल दे (Give fruitful atmosphere)
बच्चो के सामने किसी भी अनबन होने पर लड़ाई – झगड़ा, एक दूसरे पर चिल्लाना ना करें, इससे आपके बच्चे के कोमल मन पर गलत प्रभाव पड़ सकता हैं , इसलिए हमेशा अपने बच्चे के सामने अच्छे से पेश आये।
झूठ को कभी प्रमोट ना करे (Never promote a lie)
झूठ को कभी प्रमोट ना करे, कोशिश करे की किसी भी बात को लेकर झूठ ना बोले, अगर आप झूठ बोलेंगे तो आपका बच्चा भी झूठ बोलना शुरू कर देगा , और इस आदत को बड़े पर छुड़ाना नामुमकिन हो जाएगा और कुछ बच्चे तो झूठ को ही अपना शस्त्र बना लेते हैं।
बच्चे घर में जो सुनते और देखते हैं वही अडॉप्ट कर लेते हैं ।
अच्छी आदतें सिखाये (Teach good habits)
जिस तरीके से बच्चे अच्छी आदतें भी अपने घर से सीखते हैं, वैसे ही बुरी आदतें भी अपने ही घर से सीखते हैं।
बच्चे के सामने उचित व्यवहार (Proper behavior in front of the child)
बच्चे के सामने आप एक मर्यादा बनाकर रहे, उसके सामने ऐसा कोई व्यवहार ना करे, जो ठीक ना हो ।
बच्चो में किसी भी प्रकार का भेद ना करें (Do not discriminate between children)
अगर आपके एक से अधिक बच्चे हैं तो आप बच्चो में किसी भी प्रकार का भेद ना करें, बच्चे सारे समान होते हैं, कुछ माँ – बाप अपने बच्चो में किसी को ज्यादा किसी को कम value देकर बच्चो में आत्म विश्वास और प्यार की कमी भर देते हैं, ये कही ना कही जाने – अनजाने में ही होता हैं, क्योंकि प्यार उसके लिए ज्यादा होगा जो थोड़ा किसी भी प्रकार से कमजोर होगा या प्यार उससे ज्यादा होगा जो सफल होगा , इसलिए माँ – बाप के रूप में आप अपने बच्चो में कभी फर्क ना करे।
बचपन से जो बच्चे इस तरह की समस्याओ को झेलते हैं, वह बड़े होकर बहुत ही नेगेटिव थॉट्स के हो जाते हैं, क्योंकि उन्होंने जो बचपन से देखा और पाया हैं, उसकी छाप उनके मन में हमेशा रहती हैं ।
लड़का और लड़की के भेद को करे ख़तम (Put an end to the difference between a boy and a girl)
कुछ माँ – बाप लड़का -लड़की में फर्क करते हैं, इसलिए वह लड़को को ज्यादा और लड़कियों को कम वरीयता देते है, ऐसा बिलकुल भी ना करे, अपने सारे बच्चो को स्पेशल फील करवाए ।
बच्चे को हमेशा मेन्टल सपोर्ट करते रहे (Always give mental support to the child)
बच्चो की शादी के बाद एकाएक अपने बच्चे के साथ रिश्तों को कम ना करे, ठीक हैं अब बच्चे बड़े हो गये हैं, और वह अपना अच्छा बुरा देख सुन सकते हैं, लेकिन माँ – बाप के लिए बच्चे हमेशा बच्चे ही रहते हैं , इसलिए समय – समय पर उनका मार्गदर्शन करते रहे ।
दुनियादारी की बातों पर ज्यादा ध्यान ना दे (Don’t pay too much attention to the things of the world)
ज्यादा इधर – उधर की बातों से अपना मन ना भटकाए , अपने मन को एकाग्र रखे, सुनी सुनाई बातों पर ध्यान ना दे , दुनिया में सारे बच्चे एक जैसे निकलेंगे ऐसा ना सोचे , आप जैसे अपने बच्चे को संस्कार देंगे वह वैसा ही बनेगा इसलिए सोच समझकर ही और देखकर ही बीज बोये।
अपने बच्चों के बारे में दूसरों से गलत बात न करें (Do not bad talk about your children with others)
अपने बच्चों के बारे में दूसरों से गलत बात न करें, भले आप जनरल बात ही कर रहे हो , लेकिन जब कोई बात किसी के पीछे की जाती हैं, तो उसे बुराई ही कहते हैं।
अरे आपका बच्चा हैं, आप उससे कहिये, उसे डांटिए, उसे समझाइये क्योंकि आप जितना उसे जानते हैं उतना कोई और नहीं जान सकता हैं।
अगर आप सोच रहे हैं की वह पलट कर आप ही को डांट देगा या देगी, तो इसके जिम्मेदार आप खुद हो ना की कोई और हैं ।
बचपन से ही अच्छे संस्कार दे (Give good values from childhood)
संस्कार दीजिये , वैसे तो हर माँ – बाप अपने बच्चे को अच्छी ही शिक्षा देते हैं, पर कभी – कभी कुछ गलत निर्णयों के कारण सही चीजे भी बदल जाती हैं, अपने बच्चो को respect देना सिखाये , कैसे बड़ों के साथ बात करे ।
आज कल के बहुत से पेरेंट्स ऐसे हैं, जो बच्चो के कुछ गलत बोलने पर खुश होते हैं, जो की कही ना कही आपका बढ़ावा हैं, इससे आने वाले समय में आपको भी नुक्सान हो सकता हैं ।
कुछ भी बोलने और करने से पहले उसके परिणाम के बारे में सोचे (Before speaking and doing anything, think about the consequences)
माँ -बाप की बताई गयी और समझायी गयी हर बात बच्चे के लिए अनमोल और सच होती हैं, इसलिए उन्हें कभी गलत बात ना सिखाये, हो सकता हैं वह बात आपके हिसाब से सही हो, पर सामने वाले के हिसाब से बिलकुल गलत हो, इसलिए कुछ भी बोलने और बताने से पहले दोनों पहलुओं के बारे में अच्छे से सोच और समझ ले और उस बात का परिणाम होगा , इसके बारे में भी सोचे ।
कम्युनिकेशन गैप को ख़तम करें (End the communication gap)
अपने बच्चे की जरुरत को समझे, उससे खुलकर बात करे, आजकल ज्यादातर बच्चों और माँ – बाप के बीच में कम्युनिकेशन गैप बढ़ गया हैं, जिससे कही ना कही बच्चे भी परेशान होते हैं, और माँ बाप भी परेशान होते हैं।
अपने मन में कुछ मत रखिये , जो भी है उसे शेयर करे, कोई आपको सुनेगा या नहीं इस बात की फिक्र ना करे, क्योंकि आज जो समय आपके जीवन में आया हैं, वैसा ही कल आपके बच्चे के साथ भी हो सकता हैं ।
अपने बच्चे को हमेशा सच का साथ देने के लिए प्रेरित करे (Motivate your child to always support the truth)
बच्चे को बचपन से ईमानदारी की कहानिया सुनाइए, जिससे आगे चलकर बच्चा अपने प्रति, लोगो के प्रति और अपने हर रिश्तें के प्रति वफादार रहे। हर रिश्तें की बुनियाद हैं सच्चाई, और जहा सच्चाई नहीं वह कोई रिश्ता भी नहीं ।
पेरेंटिंग , जो की कुछ अपने अनुभव से आती हैं, और कुछ हम अपने आप देखकर सीखते हैं। हम चाहे कैसे भी रहे , कुछ भी करे, लेकिन जब हम खुद एक पेरेंट्स बनते हैं तब हमे सब कुछ परफेक्ट चाहिए होता हैं, मतलब पेरेंटिंग करते समय अपने बच्चे के मन के बारे में जाने , की उसका मन क्या चाहता हैं, आपका काम हैं उसे अच्छे और बुरे में फर्क करवानां ।
हम वह सब एक दूसरे के साथ करते हैं, जो हमारे साथ हो तो हमे भी अच्छा नहीं लगेगा, इसलिए आप इस बात पर विचार करे, की पेरेंट्स बनने से पहले आप एक अच्छे इंसान बने ।
वैसे तो हर पेरेंट्स अपने बच्चो को लाइफ में वह सब देना चाहते हैं, पर कभी – कभी परिस्थिया ऐसी हो जाती हैं की हम नहीं समझ पाते हैं क्या करें और क्या ना करे ।
हम सब का ये दायित्व हैं और ख़ुशी भी हैं की हम अपने बच्चो को अच्छी शिक्षा और दीक्षा तो दे ही हैं बल्कि साथ के साथ सरल स्वाभाव और संस्कार दे, क्योंकि दुनिया में संस्कार आपको सिर्फ अपने पेरेंट्स से ही मिल सकते हैं।
Parenting tips तो पेरेंट्स बनने के बाद ही पता चलती हैं, कभी – कभी पेरेंट्स बहुत कुछ करते हैं, पर बच्चे उनको समझ नहीं पाते हैं , पर ऐसे में बच्चो की जिम्मेदारी हैं की वह अपने पेरेंट्स की बात को समझे।
पेरेंट्स के बिना जीवन कुछ नहीं हैं, जिनके पेरेंट्स नहीं हैं , उनसे पूछो, हम चाहे कितने ही बड़े क्यों ना हो जाए पर पेरेंट्स के सामने जाते ही खुद पे खुद बच्चे बन जाते हैं । दुनिया में हर किसी की पेरेंट्स बहुत इम्पोर्टेट हैं, इसलिए सबकी फीलिंग्स को समझे।
As a Parents हमे अपने बच्चो को वह सब अच्छी आदतें सीखनी हैं बतानी हैं, जिससे वह जब पेरेंट्स बने तो वह भी अपने बच्चो में अच्छी आदतें बनाये। जैसे की हर इंसान की सोच अलग होती हैं, इसलिए सबके विचारों में भी फर्क होता हैं, पर जो चीजे सत्य और सही वो सबको पता हैं।
पेरेंटिंग करते हुए आपको बहुत से अनुभव होंगे , कुछ खट्टे और कुछ मीठे, पर उनसे आपको घबराना नहीं हैं, क्योंकि जिंदगी का मतलब ही हैं उतार- चढाव , इसलिए बस आप अपना कर्म करते जाइये, और जो लोग आज आपको नहीं समझ पा रहे हैं , आपके ना होने पर वह भी आपके बारे में सोचेंगे और तब अहसाह करेंगे की आप सही थे।
अच्छी परवरिश अच्छी सोच !!!!