Karwa Chauth एक ऐसा व्रत हैं , जिसे सारी सुहागिन स्त्रियाँ रहती हैं । कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता हैं । ये व्रत पति की लम्बी उम्र के लिए होता हैं । इस व्रत में शंकर-पार्वती और गणेश जी की पूजा की जाती हैं । यह व्रत सभी महिलाओ के लिए सौभाग्य का व्रत हैं । इस करवा चौथ मिटा दो अपने सारे गिले – शिकवे , और बांध जाओ फिर से अटूट रिश्ते में , जो सिर्फ मरने के बाद ही टूटे ।
करवा चौथ वैसे तो सभी राज्यों में मनाया जाता हैं पर विशेष तौर पर यह उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और हरियाणा में मनाया जाता हैं । यह व्रत इतना अच्छा हैं की अब करवा चौथ ज्यादा तर सभी स्त्रियाँ मनाती हैं ।
करवा चौथ प्यार का व्रत हैं, जिसे रखना हर स्त्री बहुत पसंद करती हैं, और पूरे साल इंतजार करती हैं । इस दिन महिलाओ इतने सुन्दर – सुन्दर वस्त्र धारण करती हैं , की देख कर ऐसा लगता हो जैसे नई नवेली दुल्हन ।
ये दिन पति और पत्नी प्यार का प्रतीक है । 10 दिन पहले ही बाजारों में करवा चौथ के लिए रौनक दिखाई दिखाई देने लगती हैं, पूरा मार्किट साड़ियों, Gifts, और चूड़ियों से भरा दिखाई देने लगता हैं । इस दिन पति अपनी पत्नी को अच्छे – अच्छे उपहार भी देते हैं ।
करवा चौथ एक ऐसा व्रत हैं, जिस दिन आपको अपनी शादी का दिन जरूर याद आएगा। करवा चौथ कही ना कही शादी की रिश्ते को और मजबूत और तरोताजा कर देता हैं, वैसे तो सभी अपनी जाती जिंदगी में इतना बिजी है की गया हुआ पल कोई याद नहीं करता हैं, पर करवा चौथ आते हैं, मन में हिचकोले उठने लगते हैं, दिल ख़ुशी से झूमने लगता हैं, मन में रोमांच सा छा जाता हैं, ऐसा लगता हैं की जैसे फिर से आप एक बार अपनी शादी वाली समय में वापस चली गयी हो । करवा चौथ पति और पत्नी दोनों को उनकी शादी की याद दिलाता हैं, की कैसे वो एक दूसरे के हुए थे, क्या – क्या चीजे हुयी थी ।
- Karwa Chauth 2020
- करवा चौथ पूजा और व्रत तैयारी
- करवा चौथ व्रत कथा
- करवा चौथ द्रोपदी कथा
- सावित्री व्रत कथा
- करवा चौथ को कैसे बनाये स्पेशल
- सरगी खाने का समय और भोजन
- करवा चौथ के पीछे फीलिंग
- करवा चौथ बॉलीवुड सांग
- करवा चौथ में करे सोलह श्रृंगार
- करवा चौथ मेहँदी
- चूड़ी और कंगन
- फर्स्ट करवा चौथ के लिए करे ऐसे तैयारी
- करवा चौथ पार्लर कनेक्शन
- ध्यान दे :
Karwa Chauth 2020
2020 का करवा चौथ 4 November, दिन बुद्धवार को हैं ।
करवा चौथ पूजा और व्रत तैयारी
- सभी स्त्रियाँ एक दिन पहले पार्लर जाती हैं, हाथों और पैरो में मेहँदी लगाती हैं । करवा चौथ के दिन स्त्रियाँ सुबह उठकर नहाना धोना और फिर डेली रूटीन की पूजा करना और पूरे दिन बिना पानी पिए व्रत रखती हैं ।
- शाम को पूरा सिंगार करके कर्वे में पूड़ी, पोहा और मिठाई डालती हैं और भगवान् की पूजा अर्चना करती हैं ।
- कुछ लोग करवा दीवार पर या जमीन पर बनाते हैं, और कुछ लोग Calender की भी पूजा कर लेते हैं । कर्वे को चावल के पीठे से रंगकर उसमे करवा पूजा की 7 सींके भी लगाते हैं।
- पूजा के समय करवा की कहानी भी कही जाती हैं । सारी पूजा होने के बाद में स्त्रियाँ घर के छत पर जाकर चाँद आने का इंतजार करती हैं, और ये इंतजार कभी – कभी इतना लम्बा लगता हैं, और लगता हैं की कब आएगा चाँद ।
- चाँद को देखने और चाँद की पूजा के बाद पति अपनी पत्नी को पानी पिलाते हैं और मिठाई खिलाते हैं ।
- पत्निया अपने पति के पैर छूकर आशीर्वाद लेती हैं ।
करवा चौथ व्रत कथा
एक बार की बात हैं, एक द्धिज नामक ब्राह्मण के साथ पुत्र और एक पुत्री थी। पुत्री का नाम वीरावती था । वीरावती ने जब पहली बार करवा चौथ का व्रत रखा तो उसे बहुत तेज प्यास लगी और जिस कारण वह मूर्छित होकर गिर पड़ी , वीरा वती की ऐसी हालत देखकर उसके भाई विलाप करने लगे। वीरा वती के भाइयो ने पेड़ के चढ़कर एक दीपक दिखाई और अपनी बहन से कहा , बहन चन्द्रमा निकल आया हैं, और उसकी बहन ने उसी दीपक की लौ को छलनी से देखकर अपना व्रत तोड़ दिया और चन्द्रमा को अर्ध देकर खाना खाने ले लिए बैठ गयी।
जब पहला कौर खाया तो बाल निकला।
दूसरे कौर में छींक आ गयी ,
और तीसरे कौर में ससुराल से बुलावा आ गया की उसका पति मर गया हैं, जब वह ससुराल पहुंची तो वह बहुत जोरो से विलाप करने लगी , तभी सयोंग से इन्द्राणी जी आयी तो वीरावती ने कहा हे माँ , मुझसे ऐसा कौन सा अपराध हुआ जिसके कारण मेरे साथ ऐसा हुआ । तब इन्द्राणी जी सारी बात बताई । इन्द्राणी जी ने कहा 12 महीने के बाद तुम फिर से करवा चौथ का व्रत और पूजा पूरे विधि विधान से करना तुम्हारा पति जीवित हो जाएगा । आज्ञा अनुसार वीरावती ने वैसा ही किया और उसका पति जीवित हो गया और दोनों खुश हाली से रहने लगे ।
करवा चौथ द्रोपदी कथा
करवा चौथ व्रत महाभारत के समय से चला आ रहा हैं । एक बार की बात हैं जब अर्जुन नीलगिरि की पहाड़ियों में ज्ञान प्राप्ति के घोर तपस्या कर रहे तो बाकी चारों पांडवों को अकेले में अनेको गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। ऐसे में द्रोपदी ने श्री कृष्ण से इसका उपाय पूछा , तो श्री कृष्णा ने करवा चौथ व्रत रखने को कहा । इस व्रत के प्रभाव से सब सही हो गया ।
सावित्री व्रत कथा
एक बार की बात हैं सत्यवान और सावित्री दोनों जंगल में काम करने गए थे , अचानक वह सत्यवान गिर गए और उनके प्राण निकल गए। जब वहा पर यमराज सत्यवान के प्राण लेने आये तो सावित्री जोर -जोर से विलाप करने लगी , और यमराज जी से सत्यवान के प्राणो के लिए प्राथना करने लगी , इस पर यमराज जी का दिल पिघल गया और उन्होंने सावित्री से कहा की सत्यवान के प्राण के आलावा और कुछ मांग लो ।
इस पर सावित्री ने कहा की वह उन कई पुत्रो की माँ बनने का वरदान दे , और यमराज ने बिना उनके इस वरदान पर तथास्तु कर दिया । जैसा की सावित्री बहुत ही पति भक्त थी और उनके लिए किसी दूसरे पुरुष के बारे में सोचना भी पाप था , इसलिए यमराज सत्यवान के प्राण लिए बिना ही वह से चले गए । उसी समय से ये करवा चौथ व्रत का चलन हो गया की कैसे एक साधारण स्त्री भी अपनी पवित्रता से अपनी पति के प्राणो की रक्षा कर सकती हैं ।
करवा चौथ को कैसे बनाये स्पेशल
- इस दिन अपनी शादी को मेमोरीज़े करे , क्योंकि आपकी शादी के बाद की जिंदगी चाहे अच्छी हो या बुरी , पर आपकी शादी का समय सबसे अच्छा होता हैं, और यादें भी पॉजिटिव होती हैं , इसलिए दिन भर या कुछ दिन पहले से अपनी शादी की वीडियो कैसेट देखे या जहा भी आपने अपनी शादी का वीडियो सेव किया हो, इससे आप अच्छा महसूस करेंगी ।
- पति – पत्नी को इस दिन किसी भी बात को लेकर झगड़ा या मन मुटाव ना करे, ये दिन आपके लिए बहुत स्पेशल हैं और इस दिन आप किसी अन्य के बारे में या कोई भी परेशानी वाली बात करके अपने इस स्पेशल समय को बेकार ना करे । खुश रहे, पॉजिटिव बाते करें।
- कितना ही बिजी क्यों ना हो, मेहँदी जरूर लगाए , पार्लर जाए, अपने लिए अच्छी से ड्रेस पसंद कर ले और अच्छा सा मेक अप एंड फूलों से बने गजरे से अपने आप को एक नया लुक दे ।
- रोमांटिक गाने सुने, अपने मन को प्रसन्न चित्त रखे और पूरे मन से इस व्रत का रहे ।
- आपकी कोई भी इच्छा हैं तो उसे अपने पति से शेयर करे, इस दिन आप अपनी फीलिंग्स को शेयर करे, इससे आप बहुत अच्छा महसूस करेंगी ।
सरगी खाने का समय और भोजन
करवा चौथ में कुछ राज्यों में स्त्रियाँ सरगी खाती हैं, सरगी एक तरह का भोजन है जो करवा चौथ की सुबह ३-४ बजे स्नान करने के बाद खाया जाता है उसके बाद पूरा दिन दिन महिलाये व्रत/उपवास करती है। सरगी सास के द्वारा तैयार किया जाता है। सरगी में मीठे और नमकीन दोनों तरह के व्यंजन हैं।
सरगी थाली में फेनी या मीठी सेवइयां, फल, नारियल, मेथी मठरी, ड्राई फ्रूट्स, मठरी, पराठा, मिठाई और चाय, जूस इत्यादि को शामिल किया जाता हैं । सरगी ज्यादातर पंजाबी और राजस्थानी लोग खाते हैं । उत्तर भारत के लोग सरगी नहीं खाते हैं और ना सुबह उठकर पानी या चाय पीते हैं, ये लोग रात के १२ बजे के बाद से कुछ नहीं खाते हैं ।
करवा चौथ के पीछे फीलिंग
- करवा चौथ पति और पत्नी के प्यार का पर्व हैं।
- करवा चौथ पति और पत्नी के लॉन्ग रिलेशन का प्रतीक हैं ।
- करवा चौथ पति और पत्नी की बीच कभी ना टूटने वाली बॉन्डिंग हैं ।
- करवा चौथ पति और पत्नी दोनों के लिए एक आंतरिक फीलिंग हैं , जिसे व्रत और पूजा के माध्यम से एक्सप्रेस किया जाता हैं ।
- करवा चौथ पति के लिए पत्नी और पत्नी के लिए पति का प्यार और बलिदान हैं।
करवा चौथ बॉलीवुड सांग
जब तक पूरे ना हो फेरे सात – नदिया के पार
पति परमेश्वर के सिया मुझको – गंगा जमुना सरस्वती
बुरा हैं भला हैं जैसा भी हैं मेरा पति – नसीब
सभी लोग अपने – अपने रीति-रिवाजो के हिसाब से करवा चौथ का व्रत/उपवास रखते हैं, इसलिए आप भी अपने बुजुर्गो के द्वारा किये गये स्टाइल में करवा चौथ को करें, किसी की देखा – देखी में अपने रीति – रिवाजो से छेड़-छाड़ ना करे । क्योंकि इससे आपके मन में पूरे साल एक वहम बैठा रहेगा, इसलिए जो भी करें वह सच्ची भावना से करे ।
अगर आप किसी मेडिकल ट्रीटमेंट से गुजर रही हैं,या आप प्रेग्नेंट हैं तो सबसे पहले अपनी हेल्थ को ध्यान में रखे, क्योंकि हेल्थ सबसे इम्पोर्टेन्ट हैं । सीधे और सरल शब्दो में मैं आपसे ये कहना चाहती हूँ की आप बिना किसी प्रेशर से जितना कर सके वह सबसे इम्पोर्टेन्ट हैं, क्योंकि जब कोई चीज आपके दिल से नहीं होती हैं, तो उसका कोई फायदा नहीं होता हैं।
करवा चौथ में करे सोलह श्रृंगार
- रेड कलर की ड्रेस या फिर खिलते हुए कलर (ब्लैक और वाइट को करे अवॉयड )
- सिंदूर (रेड कलर या फिर आपके घर में जो बड़े लगते हो उसे फॉलो करें )
- मंगलसूत्र (इस दिन गला सुना ना रखे )
- बिंदी
- नथनी
- कमरबंद
- कान बाली या झुमकी
- मांग टीका
- बाजूबंद
- बिछिया
- पायल
- काजल
- गजरा
- हाथों में मेहंदी और पैरों में महावर
- अंगूठी
- चूड़ियां
करवा चौथ मेहँदी
मेरी प्यारी सखियों करवा चौथ आ रहा हैं, सब अच्छे से प्लान कर लो, जिससे ऐन वक़्त पर कुछ छूटे ना , कपडे , जेवर और मेकअप की लिस्ट बना लो, और एक पास निकल कर रख लो जिससे पहनने में भी आसानी रहे, और ज्यादा समय भी ना लगे, क्योंकि व्रत भी होगा और घर का ढेर सारा काम भी , इसलिए सब प्लान पहले से कर ले और हां मेहँदी लगवाना बिलकुल भी ना भूले।
अगर आप को अच्छी मेहँदी लगानी आती हैं, तो ठीक हैं वरना किसी फ्रेंड से या पार्लर से लगवा लेना। क्योंकि अगर आप अच्छे से तैयार नहीं होंगी और बाद में जब अपनी सखी सहेलियों को अच्छे से सजे धजे देखेंगी तब सोचेंगी की मुझे भी ऐसे करना चाहिए था , इसलिए समय एक जैसा नहीं रहेगा पर आप एक जैसे रहने की कोशिश करे। वैसे भी कोरोना ने परेशान कर रखा हैं, इसलिए अब आने वाले त्योहारों में अच्छे से सजे धजे और त्योहारों को अपने हिसाब से मनाये।
चूड़ी और कंगन
फर्स्ट करवा चौथ के लिए करे ऐसे तैयारी
- चाँद को देखने के लिए छलनी ( अपने परिवार की प्रथा के अनुसार ही छलनी का प्रयोग करें )
- मिट्टी का टोंटीदार करवा और ढक्कन (इसे आप अपने परिवार के चलन के द्वारा ही करे)
- करवे में डालने के 7 सींके (अपने परिवार के हिसाब से फॉलो करे )
- करवा चौथ की थाली
- फूल
- मिठाईयां
- रूई की बत्ती
- धूप या अगरबत्ती
- फल
- नमकीन मठ्ठियां
- लकड़ी का आसन
- जल का लोटा
- गंगाजल
- कांस की तीलियां
- करवा चौथ कैलेंडर
- रोली और अक्षत (साबुत चावल)
- चीनी का करवा (आपके परिवार की प्रथा के अनुसार )
- गौरी बनाने के लिए गोबर और पीली मिट्टी के 5 डेले
- आटे का दिया या मिटटी के दीए या कुछ लोग चटनी वाली स्टील की कटोरी को भी दिया के रूप में यूज करते हैं।
- दीपक
- सिंदूर
- चंदन और कुमकुम
- मीठी मठ्ठियां
- शहद और चीनी
- कच्चा दूध, दही और देसी घी
- आठ पूरियों की अठावरी और हलवा
- दक्षिणा
- बदलने के लिए २ करवे (अपने परिवार के हिसाब से करे पूजा)
करवा चौथ पार्लर कनेक्शन
करवा चौथ के दिन सबसे ज्यादा भीड़ अगर आपको देखने को मिलेगी तो वह हैं पार्लर, जहा दो दिन पहले से महिलाओ की लाइन लगी होती हैं, इसलिए अगर आप भी किसी ऐसी जगह पर हैं जहा करवा चौथ में पार्लर में बहुत भीड़ होती हैं, तो आप अपना पार्लर का काम 2 दिन पहले ही खतम कर ले, क्योंकि ज्यादा भीड़ होने पर आपको काफी समय देना पड़ सकता हैं । मेहँदी एक दिन पहले लगाए पर बाकि के काम पहले से ही कर ले तो ज्यादा अच्छा रहेगा ।
ध्यान दे :
पूजा पाठ हमेशा अपने कुल और अपने घर के बड़े लोगो से पूछ कर ही करे, देखा देखी में कोई नयी पूजा विधि ना बनाये। जो आपके घर में अन्य लोग कर रहे हैं वैसे ही करे, क्योंकि दुनिया में करवाचौथ की पूजा ज्यादातर सभी समुदाय की स्त्रियाँ करने लगी हैं, और सबकी पूजा विधि में थोड़ा बहुत फर्क होना स्वाभाविक हैं, इसलिए आप अपने घर के रीती -रिवाजो को अनुसरण करें ।
हैप्पी करवा चौथ मेरी प्यारी बहनो और सहेलियों …………।