आज लगभग हर देश में Domestic Violence एक भयानक मानसिक बीमारी का रूप ले चुका हैं। आप चाहे कितने भी विकसित देश में क्यों ना रहते हो, Domestic Violence आपको सब जगह देखने को मिल जाएगा । महिलाये जो समाज का अहम् हिस्सा है, जिसके बारे में कोई भी बात नहीं करना चाहता हैं। सबको अपनी – अपनी पड़ी हैं, अपने आस – पास कोई नहीं देख रहा हैं । आज भी हम ऐसे समाज में जिस में महिलाये कही ना कही पुरुषो की अपेक्षा दबी हैं या यूं कहे की पुरुषो से ही दबी हैं । आप बाहर तो चाहे जितना बोल ले लेकिन घर के अंदर आपकी एक अलग ही पहचान हैं । ऐसे लोगो को पहचानना बहुत ही मुश्किल हैं, जब तक की सामने वाला कुछ इशारा ना करें या खुल कर अपनी बात ना बताये ।
ज्यादातर केसेस में लोग बताते ही नहीं हैं, और अंदर अंदर सहती रहती हैं, और किसी बड़ी समस्या में भी पड़ जाती हैं , तब तक शायद बहुत देर हो जाती हैं । आज हमारा समाज शिक्षा को तो बेहतर कर रहा हैं, पर डोमेस्टिक वायलेंस की कोई बात नहीं करना चाहता हैं, क्योंकि आज कही ना कही जाने – अनजाने में हर पुरुष Domestic Violence का हिस्सा बन चुका हैं ।
Domestic Violence का कारण महिलाओं का अपने आप को पुरुषो से कम समझना हैं, जिसका अहसास उन्हें बचपन से ही दिलाया जाता हैं। बचपन से उन्हें पीछे हटने , बात सुन लें, जोर से ना बोलने, जवाब ना देने, और हर बात को सहना सिखाया जाता हैं, इससे कही ना कही सहने वाला स्वभाव बन जाता हैं, इससे महिलाये छोटी मोटी बात को या कभी कभी बड़ी परेशानी को भी अकेले बिना किसी से कुछ कहे सहने लगती हैं, और इसका सीधा फायदा घर का पुरुष उठाता हैं, और कभी – कभी तो महिलाओं के इस स्वभाव के कारण बाहर भी उन्हें लोग दबाते रहते हैं और वह इसे अपने मुकद्दर या किस्मत मानकर चुप हो जाती हैं ।
डोमेस्टिक वायलेंस मानसिक और शारीरिक दोनों प्रकार का हो सकता हैं, जरुरी नहीं है की आपको कोई मारे या पीटे , अगर कोई आपको अंदर ही अंदर किसी बात को लेकर टार्चर कर रहा हैं, तो ये भी डोमेस्टिक वायलेंस हैं । डोमेस्टिक वायलेंस एक शुरुवात हैं, ये धीरे धीरे की बड़े क्रिमिनल एक्टिविटी का हिस्सा भी हो सकता हैं, इसलिए डोमेस्टिक वायलेंस ना सहे और ना ही अपने आस – पास होने दे , ये एक तरीके का क्राइम हैं ।
डोमेस्टिक वायलेंस (Domestic Violence) को कैसे पहचाने
- आपको मारे – पीटे, सबके सामने इंसल्ट करना, मानसिक तनाव देना , बात – बात पर धमकी देना इत्यादि ।
- हर बात पर आपको नीचे दिखाना, आपकी सही बात को गलत मानना।
- हर जगह अपनी ऊपर रखना , आप चाहे जितनी भी योग्य हो समाज में सबके सामने आपको दबाना ।
- अपनी बात को रखने की आजादी ना देना ।
- हर छोटी – छोटी बात पर चिल्लाना, और हमेशा खुद को बेहतर दिखाना ।
- आपकी वैल्यू ना करना, एक तरीके से बस आपका सिर्फ एक प्रयोग के चीज के भाति हो जाना ।
- आपको अपनी मर्जी ना बताने का अधिकार, जो भी हो रहा हैं सिर्फ उसमे हां करना , ऐसा माहौल बनाना, और जब आप अपनी बात को कहने की कोशिश करे तो तेज – तेज से बोल कर आपको चुप करा देना ।
डोमेस्टिक वायलेंस (Domestic Violence) के कारण
- आपस में कम्युनिकेशन गैप होना , मतलब दोनों का खुल कर बात ना करना, जिसके कारण कभी – कभी मन में कुछ ऐसी बातें घर कर लेती हैं, जो पूर्ण रूप से सही नहीं होती हैं । कम्युनिकेशन गैप चाहे किसी कारण से हो, जॉब की वजह से या किसी अन्य जिम्मेदारियों की वजह से , याद रखिये जब कोई डोमेस्टिक वायलेंस करता हैं, तो वह ऐसा कुछ गलत सुनता हैं या फील करता हैं, और वह आपके बारे में जो गलत सुनता या फील करता हैं, पर कम्युनिकेशन गैप के कारण वह आपसे खुल कर अपने दिल की बात नहीं कर पाता हैं, जिसकी वजह से मन में एक वहम और गुस्सा भर जाता हैं, जो धीरे – धीरे डोमेस्टिक वायलेंस का रूप ले लेता हैं ।
- पढ़े लिखे लोग डोमेस्टिक वायलेंस नहीं करेंगे , इस बात भी पूर्ण रूप से सच नहीं हैं, आज अगर आप अपने आस – पास देखेंगे तो पढ़े लिखे भी डोमेस्टिक वायलेंस करने में पीछे नहीं हैं।
- वाइफ के प्रति आदर की कमी, आप चाहे किसी से प्यार ना करें, पर आदर का भाव जरूर रखे, क्योंकि जब आप किसी की मान मर्यादा, और सेल्फ रेस्पेक्ट के बारे में समझेंगे तभी आप उस रिश्तें को संभाल पाएंगे ।
- जरुरत से ज्यादा एक्सपेक्टेशन, हम चाहे किसी के लिए खुद कुछ भी ना करे, पर दूसरों से एक्सपेक्टेशन हमेशा ज्यादा रखते हैं, रिश्तों के ना बनने का कारण एक दूसरे से जरुरत से ज्यादा एक्सपेक्टेशन हैं ।
- डोमेस्टिव वायलेंस का एक कारण आपके अपने घर के लोग भी हो सकते हैं, हमारे पास हमारे अपनों में कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनको एक दूसरे के बीच में लड़ाई लगवाने में मजा आता हैं, और जब ये देखते हैं की उनके द्वारा कही गयी बात का असर हो रहा हैं, तो ये धीरे धीरे आपके अच्छे से अच्छे और मजबूत रिश्तों में जहर खोलने में सक्षम हो जाते हैं, इसलिए जब भी कोई बात हो आपस में बात करे, किसी के कहने पर कोई भी एक्शन ना ले , क्योंकि हर व्यक्ति आपका वेल विशर हो जरुरी नहीं । ज्यादा तर चोट हम अपनों से ही पाते हैं, आज लोगो की मानसिक स्थित उतनी अच्छी नहीं हैं, कुछ लोगो का तो काम ही यही होता है, की बने बनाये मजबूत रिश्तों को पूरी तरह से तोड़ देना , इसलिए संभल कर रहे ।
- डोमेस्टिक वायलेंस का कारण कुछ भी हो सकता हैं, जब भी आपको अपने रिश्तों में तनाव लगे या कुछ भी ठीक ना लगे , आप तुरंत सबसे पहले उस बात का पता लगाए जिसकी वजह से डोमेस्टिक वायलेंस हो रहा हैं, क्योंकि हर एक्शन के पीछे रिएक्शन जरूर होता हैं । छोटी बात को ख़तम करने की कोशिश करे, कोई भी व्यक्ति ऐसे सिचुएशन क्रिएट नहीं करता हैं की उसके साथ डोमेस्टिक वायलेंस हो या वह किसी के साथ डोमेस्टिक वायलेंस हो, इसलिए रीज़न क्या इसका पता लगाए, एक मजबूत रिश्ते में अचानक ऐसा क्या हो गया, ऐसा क्या कह दिया, ऐसा क्या कर दिया। कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, की जरा सी समस्या होने पर पूरी तरह अलग ही हो जाते हैं, जो की गलत हैं, शायद कोई ऐसा ही चाहता हो, जो आपने कर दिया ।
- किसी भी रिश्ते को बनाने में बर्षो लग जाते हैं , और तोड़ने में एक पल भी नहीं लगता हैं , क्योंकि अगर आपको किसी के साथ रहना अच्छा नहीं लग रहा हैं तो आप म्यूच्यूअल अंडरस्टैंडिंग से अलग हो जाए ना की डोमेस्टिक वायलेंस करे, मतलब साफ़ हैं की कोई ऐसी बात हैं जिसके कारण ये डोमेस्टिक वायलेंस हो रहा हैं, इसलिए जड़ तक जाए और समस्या को जड़ से उखाड़ फेंके , अपने रिश्ते को वैल्यू दे , और अपने रिश्ते को टूटने ना दे ।
डोमेस्टिक वायलेंस (Domestic Violence) को कैसे रोके
- प्रॉब्लम का पता करे, और मिल बैठ कर बात करे और जहा तक हो सके रिश्तों को मैनेज करें, लेकिन अगर फिर से कुछ भी सही होने जैसा ना हो तो म्यूच्यूअल कंसेंट से अलग हो जाए, पर आपस में एक दूसरे को टार्चर करना अच्छा नहीं , वैसे तो ऐसा कुछ भी नहीं जिसे आप ठीक नहीं कर सकते हैं।
- अपने घर के बड़े लोगो से अपनी समस्या को शेयर करे, वह आपको एक बेहतर रास्ता दिखा पाएंगे क्योंकि घर के बड़े लोगो का दबाब हमेशा हमे गलत काम करने से रोकते हैं, इसलिए समस्या को शेयर करके फेस करे ना की उससे भागे। कुछ लोग इस लिए भी अपनी प्रॉब्लम को शेयर नहीं करते क्योंकि उन्हें ऐसा करने में शर्म आती हैं, या वह ऐसा सोचते हैं की लोग क्या कहेंगे, तो ये ना सोचे, कोई भी रिश्ता निभाने लिए दोनों पक्षों की जिम्मेदारी बराबर होती हैं ।
- आप पढ़े लिखे हैं तो रूल्स और रेगुलेशन को खुद समझ ले , की डोमेस्टिक वायलेंस के लिए आपको सजा भी हो सकती हैं, और अगर आप अनपढ़ हैं तो आप किसी पढ़े लिखे से समझ ले की आपको क्या – क्या झेलना पड़ सकता हैं ।
- बहुत सारे डोमेस्टिक वायलेंस आर्गेनाईजेशन, महिला आर्गेनाईजेशन , और NGO होते हैं जो आपको इस समस्या से बाहर निकलने में आपको सही मार्गदर्शन करेंगे । कुछ भी डिसिशन ले बहुत सोच समझ कर ले ।
डोमेस्टिक वायलेंस को कहे बाय
- लाइफ में किसी भी समस्या हो , ये बात तो सच हैं की आप उस प्रॉब्लम के लिए अकेले जिम्मेदार नहीं हैं , कही ना कही आपका पार्टनर भी उतना ही हैं, ऐसे में आपस में प्रोब्लेम्स को शेयर करना शुरू करे, जब आप एक दूसरे के साथ अनेको ख़ुशी के पल जीते हैं, तो लाइफ में अचानक किसी भी प्रोब्लेम्स के आने पर इतने घबराहट और इतनी चिड़चिड़ाहट क्यों ।
- सही बात तो ये हैं की आप अपने रिश्ते को इतना मजबूत बनाये की उसे कोई ना तोड़ पाए, जब भी आप देखे की कोई आपके रिश्ते को तोड़ने के लिए जाने – अनजाने में कोई जाल बुन रहा हैं , आप थोड़ा सा डिस्टेंस बना ले । बात चाहे जितनी करे किसी से , पर किसी के द्वारा बताई गयी और समझायी गयी बातों को अपने ऊपर हावी ना होने दे और ना ही कोई बड़ा डिसिशन ले ।
डोमेस्टिक वॉयलेंस का ना उठाये फायदा
जहा तक ये पोस्ट महिलाओ के लिए लिखी गयी हैं, वही महिलाओ से गुजारिश भी हैं की वह इस एक्ट का गलत फायदा ना उठाये, क्योंकि हमेशा पुरुष गलत होगा , ऐसा नहीं हैं, इसलिए अपने अधिकारों को जाने पर अपने कर्तव्यों को भी जी जान से निभाए , और आप अपने भोले पन का फायदा किसी को भी ना उठाने दे , जिस तरह से किसी पुरुष को बहकाया जा सकता हैं, वैसे ही महिला को भी , हो सकता डोमेस्टिक वायलेंस का कारण आपने ही जाने – अनजाने में क्रिएट कर दिया हो और अब – जब सब गलत हो रहा हैं तो आपने सारी जिम्मेदारी सामने वाले पर डाल दी।
लाइफ को खुल कर जिए पर खोल कर नहीं, अपनी रिश्ते को परखने के चक्कर में अपने रिश्ते को दांव पर लगा देना कहाँ की होशियारी हैं ।