आज हर व्यक्ति के दिनचर्या इतनी ज्यादा व्यस्त हैं, की ऐसे में Apne Liye Samay Kaise Nikale एक बड़ी समस्या बनती चली जा रही हैं । आज शरीर में ऊर्जा हैं, पर समय नहीं हैं की हम किसी के पास बैठे, किसी का हाल पूछ ले, किसी से अपने दिल की कह ले या किसी के दिल की सुन ले।
शायद कभी नहीं सोचा था की लाइफ में ऐसा समय भी आएगा । पूरा दिन कुछ ना कुछ काम लगा रहता हैं और ये समस्या ऑफिस जाने वाले लोगो के साथ -साथ जो लोग घरों में रहते हैं उनके साथ भी हैं । सच मानों को खाली कोई नहीं हैं, ना बाहर जाने वाला व्यक्ति और ना ही घर में रहने वाला व्यक्ति। और अब तो हद्द हो गयी, कभी आप अपने घर के छोटे बच्चे से उसका सेडुल पूछना तो वह भी आपको अपने बिजी ही बताएगा।
अब सोचने वाली बात यही हैं की क्या हम सच में इतना बिजी हैं, या हमे अपनी जिंदगी को खुद ही अस्त -व्यस्त कर रखा हैं। आज इस बात पर एनालिसिस करना बहुत जरुरी हैं, नहीं तो वह दिन दूर नहीं जब कोई किसी से बात नहीं करेगा, और उस समय जो पास होंगे वह भी दूर लगेंगे , और जो दूर हैं वह तो हैं ही।
अपने लिए समय ना मिलने के मुख्य कारण
अपने लिए समय ना निकाल पाने के कुछ विशेष कारण हैं –
समय की वैल्यू नहीं
हम सब के पास २४ घंटे एक निर्धारित समय ही हैं , फिर भी ना तो हम अपने लिए समय निकाल पाते हैं और ना ही अपनों के लिए , कभी सोचा हैं क्यों, इसलिए क्योंकि हम समय को अपने हिसाब से चलाने की कोशिश में लग चुके हैं, बल्कि हमे समय के हिसाब से चलना चाहिए ।
अपने समय को सही भागों में बातें, उसमे काम के लिए, अपने लिए और अपनों के लिए समय रखे । समय को कभी ख़राब ना करे, जो जब करना चाहिए उसे तब करके काम को फ़तेह करे।
खुद को और व्यक्ति विशेष को ज्यादा वैल्यू नहीं देना
लाइफ को एन्जॉय करना हैं, और सुकून से जीना हैं तो खुद की भी देखभाल करे और अपनों की भी देखभाल करें । जब आप खुद से प्यार नहीं करेंगे आप अपनी केयर भी नहीं करेंगे , इसलिए अपनी वैल्यू खुद करे, तभी दूसरे लोग भी आपकी केयर करेंगे ।
घर की चीजे व्यवस्थित ना होना
अपने लिए समय कैसे मिलेगा , जब अपने अपनी लाइफ में कुछ भी सही से नहीं रखा । अगर आप अपना ज्यादा से ज्यादा समय घर के कामो में ही लगा देंगी तो समय कहा से मिलेगा । ज्यादा तर घर के कामो में समय ज्यादा लगने का मूल कारण हैं, घर का व्यवस्थित ना होना , जब आपको और आपके घर के हर सदस्य को चीजे यथा स्थान रखने की आदत नहीं होगी , तो कोई भी चीज समय से नहीं मिलेगी और जब आपको उस चीज की जरुरत होगी तो उसमे आपका ढेर सारा समय और ऊर्जा दोनों का नुक्सान होगा , इसलिए चीजों को जगह पर रखे ।
सही दिनचर्या फॉलो ना करना
आज अपने लिए समय ना निकाल पाने का कारण हैं, दिनचर्या का गड़बड़ होना , जब आप ना समय से सोयेंगे और ना समय से जागेंगे , तो जाहिर सी बात हैं , लाइफ में डिस्टर्बेंस तो रहेगा, इसलिए सबसे पहले अपने लिए एक अच्छा टाइम टेबल बनाये और उसे फॉलो करें । हर व्यक्ति को अपना टाइम टेबल जरूर बनाना चाहिए।
ऑफिस का काम हमेशा पेंडिंग रखना
अगर आप वर्किंग हैं तो आपके पास घर और ऑफिस दोनों को देखने की जिम्मेदारी हैं, ऐसे में ऑफिस का काम ऑफिस में ही ख़तम करे, उसे घर तक ना लाये और ना ही पेंडिंग काम को इकठ्ठा होने दे , कुछ लोग सोचते हैं की आज नहीं कल कर लेंगे या जब समय मिलेगा तब कर लेंगे, ऐसा बिलकुल ना करें ऑफिस के काम को ऑफिस में समय से निपटा कर अपने बॉस को सबमिट कर दे, एक तो इससे आपके काम की वैल्यू भी बढ़ेगी और आप पर प्रेशर भी नहीं आएगा ।
देखा जाए तो ऑफिस जाना किसी को पसंद नहीं होता हैं, क्योंकि जब हम किसी की नौकरी करते हैं, तो एक अजीब तरह का प्रेशर हमेशा फील करते हैं। ऑफिस जाना और अपने जीवन की रोजी रोटी को चलाने के लिए पैसे कमाना आज हमारी बेसिक जरुरत हैं।
आज अगर कोई कहे की मुझे ऑफिस जाना बहुत अच्छा लगता हैं, तो या तो उसके पास उतना प्रेशर का काम नहीं हैं, या वह इंसान पूरी तरह से झूठ बोल रहा हैं । अपने लिए काम करना और दूसरे के लिए काम करना दोनों बिलकुल अलग हैं । इसलिए लाइफ को संतुलित रखे ।
वीकेंड और वीक डे को मिक्स करना
वीकेंड के काम वीकेंड में करे, और वीक डे के काम वीक डे में , दोनों को मिक्स ना करे, ऐसा करने से ना तो आप सही से वीक डे का यूज कर पाएंगे और ना ही वीक डे। ज्यादातर कामो को वीक डे में ही निपटाने की कोशिश करें, इससे आपका वीकेंड बच जाएगा और आप अपने वीकेंड को अपने लिए और अपनी फॅमिली के रखे ।
अगर पूरा वीक आप एक ही माहौल में काम करेंगे तो इससे भी आप मेंटली ज्यादा थका महसूस करेंगे । जब आप अपनी बिजी लाइफ से बीच -बीच में अपने लिए समय निकालते रहेंगे तो हमे इससे आपका फ़्रस्ट्रेशन भी नहीं होगा ।
हेअल्थी सोच ना रखे
क्या आपने भी कभी इस बात पर गौर किया हैं की जब हम खुश होते हैं, तो हमारे सारे काम जल्दी और समय से हो जाते हैं, और कही ना कही हमारा मन और काम करने के लिए भी तैयार रहता हैं, परतु जब हम ज्यादा नेगेटिव होते हैं, तो हम उसी काम को बहुत लम्बे समय में पूरा कर पाते हैं, या करते ही नहीं हैं। इसका मतलब , अपने लिए समय ना निकाल पाना , कही ना कही हमारी सोच पर भी निर्भर करता हैं ।
सबसे पहले अपने आप को खुश रखे, चुगली, पीठ पीछे बात करने इत्यादि से बचे, ऐसा करने से आपकी शारीरिक और मानसिक ऊर्जा दोनों बचेगी , जिसे आप सही जगह लगाकर अपनी लाइफ को एक नयी दिशा देने में सक्षम होंगी।
अपने हक़ के लिए ना बोलना
हम सब कही ना कही सबका ख्याल रखते हैं, पर जब अपना ख़याल रखने का समय आता हैं, तो हम पूरी तरह से केयरलेस हो जाते हैं। ये आर्टिकल जो भी पढ़ रहा हैं, ये मैसेज सबके लिए हैं।
आप चाहे कोई भी हो, आप सब को अपने लिए कुछ निकालने में अगर दिक्कतें आ रही तो उस पर बात करना शुरू करें , ये बिलकुल ना सोचे की अरे सब ठीक हो जाएगा। जब तक आप खुद से अपने लिए अच्छा माहौल क्रिएट नहीं करेंगे कोई दूसरा इस पर ध्यान नहीं देगा । ध्यान ना देने का एक रीज़न ये भी हैं की कोई आपको रिलैक्स देकर अपने रिलैक्स को खतरे में क्यों डाले, इसलिए अपने अधिकारों के लिए भी बोले, खुश रहना और अपने लिए समय निकालना आपका मौलिक अधिकार हैं ।
एक दूसरे के प्रति अपनी जिम्मेदारी को ना समझना
हम सब एक साथ मिलजुल इसलिए रहते हैं, की एक दूसरे के सुख -दुःख बाँट सके। सुख तो सब कोई बाँट ही लेता हैं पर जब दुःख की बारी आती हैं तो कोई दूर -दूर तक नहीं दिखाई देता हैं , ऐसा क्यों होता हैं ?? ये मेरी समझ से परे हैं , और शायद आप भी नहीं समझ पाए होंगे। अपनों का भी ध्यान रखे –
- यदि आप पति हैं तो अपनी पत्नी का ध्यान रखे।
- बच्चे अपने माँ -बाप का ध्यान रखे।
- माँ -बाप अपने बच्चो का ध्यान रखे।
- भाई -बहिन एक दूसरे का ध्यान रखे।
हम सब को कही ना कही सब दिखता हैं की कौन कितना बिजी हैं और कहा बिजी हैं, ऐसे में हम सब की जिम्मेदारी बनती हैं, की यदि कोई अपने लिए समय नहीं निकाल पा रहा हैं तो कुछ ऐसा किया जाए जिससे वह इंसान भी चैन की सांस ले और अपनी लाइफ को एन्जॉय कर पाए।
सबको चाहिए की वह अपने हिस्से का काम खुद से करे, काम को बाँटें ना की घर के किसी एक व्यक्ति को सारी जिम्मेदारी दे दे। जब तक इन छोटी -छोटी बातों पर ध्यान नहीं देंगे तब तक आपका कोई प्रिय अपने लिए कभी भी समय नहीं निकाल पायेगा। घर में एक साथ रहने का मतलब ही हैं की आप अपने साथ वालों की जरूरतों का ध्यान रखे, ना की अनदेखा कर दे।
एक दूसरे की केयर करना चाहिए, ये सब अपने बच्चो को बचपन से ही सिखाये, बड़े होने पर आप उन्हें अपने माहौल में ढाल नहीं पाएंगे बल्कि आपको उनके हिसाब से चलना पड़ेगा। माँ -बाप दुनिया की सबसे बड़ी जिम्मेदारी हैं , और अपने बच्चो को अच्छे संस्कार देना उससे भी बड़ी जिम्मेदारी हैं। सबका ख़याल रखे , सामने वाले को भी इंसान समझे ना की मशीन।