How to take care of Girl child. एक बच्चे का मन फूल के समान कोमल होता है, खास करके लड़कियों और छोटी बच्चियों का मन। आज कल हर जगह से बाल शोषण और और यौन शोषण की खबरे मिलती रहती हैं, ऐसे में हम सबका एक माता पिता के रूप में हमारी बच्चियों के प्रति जिम्मेदारी और दायित्व बनता हैं की हम अपनी बच्ची या बच्चियों को Good Touch and Bad Touch के बारे में बचपन से अवगत करवाए।
आज हम ऐसे समाज में रहते हैं जहा इंसान के भेष में भेड़िये रहते हैं, ये समय – समय पर भेष भी बदल लेते हैं और ऐसे लोग बहुत जल्दी बदल जाते हैं, सबके सामने तो ये अपने आप को ऐसा प्रेजेंट करेंगे जैसे की कोई आदर्श, पर मौका मिल गया तो ये चोट पहुंचाने में पीछे नहीं हटेंगे । ऐसे तो दुनिया में हर कोई अच्छा होने का दावा करता हैं, पर समय आने पर वह आपका फायदा नहीं उठाएगा , इस बात पर यकीन करना मुश्किल हैं ।
आजकल ज्यादातर जो भी rape cases या बाल शोषण होते हैं, वह किसी अपने जानने वाले के द्वारा ही किये जाते हैं, मतलब साफ़ हैं की कोई लम्बे समय से आपकी फूल जैसे बच्ची को टारगेट कर रहा था , इसलिए जागरूक माता – पिता बने और अपनी बच्ची का ध्यान स्वयं रखे, कोई और ध्यान रखेगा ऐसा बिलकुल ना सोचे । आपकी बेटी आपकी प्रथम जिम्मेदारी ।
बेटी के प्रति माँ बाप की जागरूकता
- अपनी बेटी को कभी भी कही अकेले ना छोड़े, जब तक की आपकी बच्ची थोड़ी समझदार ना हो जाए और अच्छे और बुरे में फर्क करने में सक्षम ना हो ।
- अपनी बेटी को Good touch and bad touch के बारे में बताये, उससे इस टॉपिक पर बात करने में बिलकुल हिचकिचाए और शरमाये नहीं, क्योंकि अगर आपकी बेटी को पहले से थोड़ी जानकारी होगी तो वह कुछ भी गलत होने से पहले आपको आगाह कर देगी और आप अपनी बेटी को सुरक्षा प्रदान कर सकती हैं ।
- माता – पिता और अनुभवी व्यक्ति होने के कारण आपको अपनी बेटी से जुड़े लोगो को नजर में रखना चाहिए, भले ही वह आपके घर या परिवार का कोई मुख्य सदस्य ही क्यों ना हों, इसमें को गलत बात नहीं हैं, अगर आप अपनी बेटी को लेकर थोड़ा सा जागरूक हैं और आज समाज में जो आये दिन घटनाएं सुनने और देखने में आ रही हैं, इनको मद्दे नजर रखते हुए किसी को बुरा भी नहीं लगना चाहिए। आज ये जागरूकता किसी एक इंसान के लिए नहीं हैं बल्कि सबके लिए हैं । कुछ भी गलत होने से पहले ही सिचुएशन को हैंडल करना सीखे ना की कुछ होने के बाद पछताने से ।
कैसे पहचाने
- जरुरत से ज्यादा किसी पर विश्वास ना करे, क्योंकि गलत व्यक्ति हमेशा जरुरत से ज्यादा ही मीठा और अच्छा बोलने वाले होते हैं, या कभी – कभी ऐसे लोग बहुत कम बोलते हैं, जिससे उनकी वास्तविक छवि दुनिया के सामने नहीं आ पाती हैं, और उन पर कोई भी शक नहीं करता हैं, ऐसे में आप सही निर्णय ले किसको घर में बुलाना हैं और किसको नहीं ।
- बच्ची को जरुरत से ज्यादा कोई pamper करे तो थोड़ा नजर रखे, आजकल लोग बहुत चालाक होते हैं, उन्हें पता हैं की एक छोटी से बच्ची के मन को कैसे मोहना है , थोड़ी से चॉक्लेट और टॉफ़ी या कोई चमकता -धमकता तोहफा, इसलिए आपकी बेटी छोटी हैं पर आप नहीं, तो हमेशा अपनी आँखें और कान खुले रखे। हालाँकि हर इंसान एक जैसा नहीं हैं, पर अगर आपको कुछ ऐसा गलत दिखे या फील हो तो आप उस पर जरूर एक्शन ले , क्योंकि इन्सान की फीलिंग कभी गलत नहीं होती हैं, एक माँ और बाप के लिए उसकी बेटी एक आयना हैं, और वह उस आयने को देखकर ही अंदाजा लगा सकते हैं, की सब ठीक हैं या नहीं ।
- यदि आपकी बच्ची को कोई बार – बार अकेले में बुलाये या कही चलने को कहे, तो आप मना करे, ये बिलकुल ना सोचे की सामने वाला बुरा ना मान जाए, मान जाए तो मानने दीजिये, हो सकता हैं आपकी बच्ची खुद ना जाना चाहती हो पर वह किसी कारण वश मना नहीं कर पा रही हो, इसलिए ऐसे में आप निर्णय ले । अगर जाना जरुरी हैं तो कोई माता या पिता में से साथ में जाए, इससे आपका काम भी हो जाएगा और बच्ची का मनोबल भी बढ़ा रहेगा ।
- बाल शोषण करने वाले लोग ऊपर से बहुत ही सभ्य दिखेंगे, इसलिए आपके लिए इनको पहचानना एक चुनौती से कम नहीं हैं, इसलिए आप माता – पिता हैं, आप अपनी बच्ची के आस – पास उन सभी लोगो पर एक सरसरी नजर डालिये और समय – समय पर ध्यान देती रहे, माँ बाप की नज़रों से कोई नहीं बच पायेगा ।
- ऐसे लोग किसी ना किसी बहाने बच्ची को छूने, गोद में बिठाने या गाल पर प्यार करने के बहाने ढूढ़ते रहते हैं, ऐसे में आप अपनी बच्ची को सोशल distancing करना सिखाये और अगर बच्ची छोटी हैं और इस बात को नहीं समझ पा रही हैं, तो आप सामने वाले को डायरेक्ट मना कर दे हालाँकि ऐसे लोग ये कार्य किसी के सामने नहीं करेंगे वह हमेशा अकेले होने पर ही नुक्सान पहुचायेगे , पर ये भी सच हैं की एक से एक शातिर पड़े हैं, ऐसे लोग बहुत होशियारी से आपकी बेटी की अस्मिता को भी चोट पंहुचा देंगे और आपको पता भी नहीं लगने देंगे इसलिए सब पर शक न करें, पर अँधा विश्वास भी ना करें ।
अपनी बच्चे को सिखाये
- अपनी बच्ची को सेल्फ डिफेन्स सिखाये, अच्छे बुरे का फर्क बताये, अगर आपकी बच्ची छोटी हैं, तो वह आपसे हर बात शेयर करे ऐसे आदत बनाये, जिससे वह जाने – अनजाने में आपको सब कुछ बताये और आप किसी भी समस्या के आने से पहले ही उसे भाप ले ।
- अपनी बच्ची के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताये , आज लोग इतना ज्यादा अपनी जॉब और व्यापार में व्यस्त हैं की उनके पास अपने घर के सदस्यों के लिए समय ही नहीं हैं, और ये भी एक मुख्य कारण हैं, क्योंकि लोग ऐसे लोगो और ऐसे घरो को ही टारगेट करते हैं जहा के लोग ज्यादा से ज्यादा बाहर रहते हो ।
- अपनी बच्ची को किसी के घर अकेले ना छोड़े , और ना ही देकर या किसी रिश्तेदार के घर। क्योंकि एक घर के सारे व्यक्ति अच्छे होंगे इस बात की गॉरन्टी कोई भी नहीं ले सकता हैं ।
- अपनी बच्ची को दूर से बैठकर ही बात करने को सिखाये ।
- अपनी बच्ची को सिखाये वह किसी के साथ भी कभी जाने की जिद्द ना करे, कभी – कभी बच्चे किसी के उकसाने और किसी प्रकार का लालच देने पर खुद पे खुद चलने को तैयार हो जाते हैं, ऐसे में अगर बच्चा ना माने तो आप सही निर्णय ले कोई भी इमोशनल समझौता ना करें , ऐसा करने से आपको पछताना पड़ सकता हैं । आप खुद भी मना कर सकते हैं सामने वाले को कैसा लगेगा इस पर ध्यान ना दे, सामने वाला अगर समझकर होगा तो वह आपके इस फैसले का दिल से स्वागत भी करेगा और आपकी प्रसंशा भी ।
- बच्ची के कुछ बुरा हो जाने के बाद में काली और दुर्गा बनने से अच्छा हैं की आप सही समय पर उचित निर्णय लेकर अपनी जागरूकता का परिचय दे और माँ बाप होने का सही फर्ज निभाए ।
बेटों के प्रति माँ – बाप की जिम्मेदारी
आज हम एक ऐसे समाज में रह रहे हैं , जहा जितनी केयर बेटियों को चाहिए , उतनी बेटो को भी। अगर हम अपने बेटों को समाज में सबके साथ कैसा व्यवहार करना हैं ये सीखाएंगे, तो भी कही ना कही हम अपनी बेटी की सुरक्षा की तरफ पहला कदम बढ़ाएंगे ही बल्कि समाज की अन्य बेटियों की भी सुरक्षा में मदद करेंगे ।
अपने बेटों को अच्छे और बुरे में फर्क बताये, समाज के लोगो के प्रति उनकी क्या जिम्मेदारियों हैं, ये उनको समझाए , उन्हें खुला ना छोड़े, थोड़ी रोक टोक तो बेटों के लिए भी जरुरी हैं, इसे गलत ना समझे, क्योंकि अपराध वहा नहीं होंगे जहा डर होगा , जहा डर ख़तम वह अपराध शुरू , इसलिए किसी अच्छे काम के लिए डाँट मिले जो बेटा हो चाहे बेटी, उसे बुरा नहीं मानना चाहिए बल्कि इस बात पर गर्व करना चाहिए की कोई आपका अपना हैं जो आपको अच्छाई और बुराई की परख करवा रहा हैं ।
जब तक बेटा छोटा होता हैं, तब तक वह आपकी हर बात मानता हैं, और जैसे ही बड़ा होता हैं, ऐसा क्या हो जाता हैं की वह आपकी बात नहीं मानता, इस पर विचार करे। बहुत सारे पेरेंट्स अपने बेटे के बड़े हो जाने पर उससे डरने लगते हैं, ऐसा क्यों नहीं पता , पर मैं आपको ये कहना चाहूंगी की यही आपकी सबसे बड़ी गलती हैं, आप बच्चे को जैसे ट्रीट कर रहे थे वैसे ही करे, इसका मतलब यह कतई नहीं हैं की आप बेटे को सबके सामने डांटें या मारे , इसका मतलब यह हैं की वह आपका बेटा हैं, आप उसके साथ आज भी अपने मन की उथल – पुथल को शेयर कर सकते हैं ।
आप माता – पिता हो , भगवान के बाद आप ही जो अपने बेटा या बेटी हो सही शिक्षा दोगे, इसलिए अपने अनुभवों को अपने बच्चो के साथ शेयर करे, समय – समय पर आवश्यकतानुसार उनका सही मार्गदर्शन करे ।