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Teachers Day टीचर्स को अभिवादन करने का दिन हैं, Teachers Day टीचर्स को थैंक यू बोलने का दिन हैं, Teachers Day अपने टीचर को नमस्कार करने का , Teachers Day अपने गुरुओ की आराधना का दिन हैं , टीचर्स डे हर व्यक्ति के लिए सौभाग्य का दिन हैं । क्योंकि हर व्यक्ति का कोई न कोई गुरु जरूर होता हैं। Teachers Day को शिक्षक दिवस के रूप में भी जाना जाता हैं। Teachers Day को भारत में एक त्यौहार की तरह पारंपरिक रूप से हिन्दू, जैन और बौद्ध लोगो के द्वारा मनाया जाता हैं वैसे तो अब सभी धर्मो को लोग इस त्यौहार को अपना रहे हैं । Teachers Day शिक्षकों के सम्मान का दिन हैं और उन्हें आभार व्यक्त करने का दिन हैं ।

Teachers Day

Teachers Day Ko Kyon Manate Hain (Teachers Day in India)

Teachers Day को मनाने के पीछे एक का इतिहास यह हैं की एक दिन सर्वपल्ली राधाकृष्णन के छात्रों ने उनसे कहा की आपने हमे जो भी शिक्षा दीक्षा दी हैं वह बहुत ही अनमोल हैं और हम इसके बदले में आपको आभार व्यक्त करना चाहते है और इस दिन को एक नया रूप और नया आयाम देना चाहते हैं और ये भी कहा की हम आपके जनम दिन 5 सितम्बर को टीचर्स डे मनाना चाहते हैं और इस बात पर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने हामी भर दी और उसी दिन से हर वर्ष 5 सितम्बर को टीचर्स डे मनाया जाने लगा । 5 सितम्बर भारत के दूसरे राष्ट्रपति, सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जन्म तिथि, हैं । इसकी शुरुआत 1962 से Teachers Day (शिक्षक दिवस) के रूप में हुई ।

Teacher Ka Jeevan Mein Mahtv Kyon Hain (Teachers Day 5 September)

टीचर देश और समाज के लिए बहुत जरुरी हैं क्योंकि एक अच्छा टीचर ही अच्छे देश और राष्ट्र का निर्माण कर सकता हैं । टीचर ही आपको सही मार्गदर्शन दे सकता हैं । आज दुनिया में जो भी कोई डॉक्टर, तो कोई इंजीनियर, तो कोई साइंटिस्ट, तो कोई आर्मी में हैं , कहने का मतलब हैं की कही ना कही आपकी सफलता के पीछे आपके टीचर का हाथ हैं । इसलिए टीचर को जीवन में सबसे ज्यादा महत्व हैं , अच्छा टीचर भी सौभाग्य से मिलता हैं । टीचर को एक महत्व पूर्ण स्थान दिया गया हैं। हिंदी के महान कवि कबीरदास जी ने भी गुरु के स्थान को सबसे सर्वोच्च बताया हैं ।
गुरू गोविन्द दाऊ खड़े , काके लांगू पायँ।
बलिहारी गुरु आपने , गोविन्द दियो बताय ।।

Dr. Sarvepalli Radhakrishnan quotes on education (Teachers Day quotes in Hindi)

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारतीय संस्कृति के संवाहक, प्रसिद्द शिक्षक और महान दार्शनिक थे। 1952 में भारत के उपराष्ट्रपति बने और 1962 में भारत के राष्ट्रपति बने । उनका कार्यकाल 1967 तक रहा । भारत रत्‍न, नाइट बैचलर और टेम्‍पलटन और ऑर्डर ऑफ मेरिट, की उपाधि दी गयी थी । उन्होंने शिक्षा और जीवन के क्षेत्र में अपना महत्व पूर्ण योगदान दिया हैं उनके द्वारा कही गयी कुछ प्रसद्धि कोट्स , नीचे दी गयी हैं , जिन्हे पढ़कर आप अपने जीवन को एक नयी दिशा प्रदान करने में सक्षम होंगे ।

पुस्तकें वह माध्यम हैं, जिनके जरिये विभिन्न संस्कृतियों के बीच पुल का निर्माण किया जा सकता हैं। ”

”शिक्षक वह नहीं जो छात्र के दिमाग में तथ्यों को जबरन ठूंसे, बल्कि वास्तविक शिक्षक तो वह है जो उसे आने वाले कल की चुनौतियों के लिए तैयार करें। ”

किताबें पढ़ने से हमें एकांत में विचार करने की आदत और सच्ची खुशी मिलती हैं । ”

”कोई भी आजादी तब तक सच्ची नहीं होती,जब तक उसे विचार की आजादी प्राप्त न हो. किसी भी धार्मिक विश्वास या राजनीतिक सिद्धांत को सत्य की खोज में बाधा नहीं देनी चाहिए। ”

”शांति राजनीतिक या आर्थिक बदलाव से नहीं आ सकती बल्कि मानवीय स्वभाव में बदलाव से आ सकती है। ”

”हमें तकनीकी ज्ञान के अलावा आत्मा की महानता को प्राप्त करना भी जरूरी है। ”

”ज्ञान के माध्यम से हमें शक्ति मिलती है. प्रेम के जरिये हमें परिपूर्णता मिलती है। ”

”भगवान की पूजा नहीं होती बल्कि उन लोगों की पूजा होती है जो उनके नाम पर बोलने का दावा करते हैं। ”

‘शिक्षा के द्वारा ही मानव मस्तिष्क का सदुपयोग किया जा सकता है. अत:विश्व को एक ही इकाई मानकर शिक्षा का प्रबंधन करना चाहिए।”

‘शिक्षा का परिणाम एक मुक्त रचनात्मक व्यक्ति होना चाहिए जो ऐतिहासिक परिस्थितियों और प्राकृतिक आपदाओं के विरुद्ध लड़ सके । ”

“यदि मेरा जन्मदिन 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है, तो मेरा जन्मदिन मनाने के बजाय शिक्षक दिवस मनाया जाना ही मेरा सौभाग्य होगा।”

“सबसे बुरे पापी का भविष्य होता है, यहां तक ​​कि सबसे बड़े संत का भी अतीत होता है। कोई भी इतना अच्छा या बुरा नहीं है जितना वह कल्पना करता है। ”

“जब हमें लगता है कि हम सब जानते हैं तब हम सीखना बंद कर देते हैं।”

“सच्चे शिक्षक वे हैं जो हमें अपने लिए सोचने में मदद करते हैं।”

“आत्मान (आत्मा) शब्द का अर्थ है, जीवन की सांस । आत्मान मनुष्य के जीवन का सिद्धांत है, आत्मा जो उसके अस्तित्व, उसकी सांस, उसकी बुद्धि को विकृत करती है, और उन्हें हस्तांतरित करती है। आत्मान वह है जो तब रहता है जब सब कुछ जो स्वयं नहीं है वह समाप्त हो गया है यह मनुष्य में अजन्मा और अमर तत्व है, जिसे शरीर, मन या बुद्धि से भ्रमित नहीं होना है। ”

“आत्म (आत्मा) निरंतर साक्षी चेतना है। सभी महीनों, ऋतुओं और वर्षों के माध्यम से, समय, अतीत, वर्तमान और भविष्य के सभी विभाजनों के माध्यम से चेतना एक और आत्म-प्रकाशमान रहती है। यह न तो उगता है और न ही अस्त होता हैं परम आत्मा पाप से मुक्त है, वृद्धावस्था से मुक्त है, मृत्यु और शोक से मुक्त है, भूख और प्यास से मुक्त है, जो कुछ भी नहीं चाहता है और कुछ भी नहीं की कल्पना करता है।”

Dr. Sarvepalli Radhakrishnan (डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन)

Teachers Day Wishes or Message

  • आपने जो ज्ञान और मार्गदर्शन दिया उसके लिए आपका बहुत – बहुत धन्यवाद।
  • आपके द्वारा बताये और समझाए गयी सभी बातें मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं ।
  • आज जो भी कुछ मैं हैं , सिर्फ आपकी वजह से हूँ।
  • आपके जैसे टीचर पाकर मैं धन्य हो गया ।
  • भगवान् हर जनम में मुझे आप जैसे ही टीचर मिले ।
  • आपके जैसा ज्ञानी दुनिया में और कोई नहीं ।
  • जब – जब मुझे जीवन में कोई भी कठिनाई आयी आपने मेरा समय – समय पर मार्ग दर्शन किया ।
  • आपने सिर्फ मुझे किताबी ज्ञान नहीं दिया बल्कि जीवन से भी रूबरू करवाया ।

Happy Teachers Day To All

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