Kuch Ankahi Baatein- Story from a girl to a woman
आज जहाँ एक तरफ लड़किया फाइटर प्लेन उड़ा रही हैं वही दूसरी और लड़कियों के लिए एक ऐसा समाज भी है जहाँ लड़किया अकेली और असहाय हैं । उन्हें हर बात पे दबाया जाता हैं , उन्हें समाज के कुछ लोग पैर की जूती से ज्यादा कोई कुछ नहीं समझते हैं । एक औरत दूसरी औरत की सबसे बड़ी दुश्मन हैं । ना जाने कितनी औरते जो अपनी बात को किसी के सामने नहीं ला पाती , कुछ भी अच्छा नहीं है उनके जीवन में फिर भी वह किसी से खुलकर अपनी बात नहीं कह पाती हैं , इसका मूल कारण अशिक्षा और उनका जरुरत से ज्यादा शिष्टाचारी होना होता हैं ।
बचपन से ही जितने संस्कार लड़कियों को दिए जाते हैं उतने लड़को को नहीं । ये सिर्फ कहने की बातें हैं, की लड़का- लड़की एक समान आज भी बहुत सारे लोग हैं जो लड़का और लड़की में फर्क करते हैं और लड़कियों को घर और समाज में बराबरी का दर्जा नहीं मिलता हैं । जैसे तुम किसी को जवाब नहीं देना, तुम चुप हो जाना , तुम कुछ मत बोलना, तुम रात में बाहर नहीं जाना , इत्यादि । अगर यही संस्कार हम अपने लड़को को दे तो शायद पूरी दुनिया में एक नयी क्रांति आ जायेगी । जो लड़की अपने घर में बचपन से अपनी बात को नहीं कह पा रही हैं वह ससुराल में जाके मुँह कैसे खोले । माँ का घर हो या ससुराल सब जगह लड़कियों को जितना सम्मान मिलना चाहिए उतना नहीं मिलता हैं ।
सारे काम लड़कियों के नाम कर दिए गए हैं, खाना बनाने से लेकर घर – बाहर देखने तक । आज जिस समाज में हम रहते हैं इसमें ऊपर की दुनिया तो बहुत सूंदर हैं पर अगर आप आंतरिक रूप से छान -बीन करेंगे तो आप को अंदाजा होगा की आज भी लड़की की हालत में ज्यादा कोई सुधार नहीं हुआ हैं । जो कुछ लड़किया अपने हक़ के लिए आवाज उठाती भी हैं समाज के लोग उन्हें गलत कहने लगते हैं । माना की हमारा समाज पुरुष प्रधान हैं पर औरतों के भी कुछ हक़ हैं , उनके भी कुछ सपने हैं, उमंगे हैं ।
जो लोग समाज में औरतों के हक़ की बातें करते हैं अपने घर में वही सबसे ज्यादा परेशान भी करते हैं । ये सब कहने की बातें हैं लड़किया तो चाँद तक चली गयी , जो एक पहुंच गयी उसकी तो तारीफ हैं बाकी हजारों जो अपने घर से निकल कर आस – पास भी गयी हो तो आज भी समाज उन्हें अच्छी नजर से नहीं देखता हैं । नजरें बदलने से क्या होगा जब तक नजरिया नहीं बदलेगा । एक लड़की जो अपने घर में रानी की रानी होती हैं दूसरे के घर जाकर वह नौकरानी से ज्यादा कुछ नहीं होती हैं । जिस इंसान के साथ वह सात फेरे लेती हैं वह भी उसका साथ नहीं देता हैं ।
एक लड़की की जिंदगी देखने में तो बहुत ही आसान लगती हैं पर देखा जाए तो ये बहुत मुश्किल हैं, हमेशा सबको खुश करने में लगे रहो जैसे लड़की ना हो गए जोकर । खाना अच्छा ना बनाओ तो दिक्कत , जैसे हम हलवाई के घर से आये हैं, सही से बात ना कर पाओ तो दिक्कत, कभी कभी तो ऐसा लगता हैं जैसे सबको एक प्रोफेशनल की जरुरत हो जो हर काम में परफेक्ट हो ।
ससुराल का हाल एक लड़की की जुबानी चाहे जितना काम कर लो तारीफ तो होनी नहीं, तारीफ तो उनकी होगी जो दूर से हाल पूछेंगे । एक लड़की जो अपना हर सुख त्याग कर ससुराल में सबको खुश करने में लगी रहती हैं क्या कभी किसी ने उससे पूछा की उसे क्या चाहिए । वह दिन रात सबकी सेवा में लगी रहे जब तक बीमारी से रोने नहीं लगेंगी कोई नहीं कहेगा की आज तुम खाना मत बनाओ, कभी कभी तो ऐसा लगता हैं जैसे हर इंसान अपने सुख के लिए रिश्ते बनता हैं । ऐसे रिश्तों का क्या मतलब जहाँ एक दूसरे के लिए भावना ना हो, एक दूसरे की क़द्र ना हो ।
ये बात बिलकुल सच हैं की सबसे ज्यादा दुःख तो अपने ही देते हैं । एक आदमी चाहे जितना चिल्ला दे पर अगर एक औरत ने अपने दिल की बात भी कह दी तो ऐसा लगता हैं जैसे क़यामत आ गयी । ऊपर से जो लोग अच्छे होने का नाटक करते हैं अकेले में उनकी नजरें आपको परेशान भी कर देती हैं ।
हंसना, बोलना, अपनी बात कहना सब ख़तम हो गया । रह गया तो बस हर बात में हां या ना कहना । अगर हर लड़की की उसके जीवन में आगे आने वाले पलों के बारे में पहले से पता चल जाए तो शायद वह जीवन भर अकेले ही रह कर अपना जीवन काट दे । सब बोलते हैं अपने हक़ के लिए बोलो और जब बोलो तो कहते हैं अरे तुम मत बोलो , तुम्हे क्या करना , तुम चुप रहो । तो कहीं ना कही ये बातें किताबों तक ही सीमित रह गयी हैं ।
कुछ बातें जिस पर ध्यान दे
जो जोर से ठहाके लगाती थी आज धीरे से मुस्कराना सीख लिया हैं ।
जो हर बात पे लड़ती हैं आज उसने चुप हो जाना सीख लिया हैं ।
जो अपने घर पे सबसे पहले खाना खाती थी आज उसने सबसे बाद में खाना सीख लिया है ।
जो हर छोटी से छोटी बात बताती थी आज सब कुछ छुपाना सीख लिया है ।
जो किसी बात पे कोम्प्रोमाईज़ नहीं करती थी आज उसने हर बात पे कोम्प्रोमाईज़ करना सीख लिया हैं ।
जो कोई तेज से भी बोल दे तो रोने लगती थी आज एक चांटा खा के भी मुस्कराना सीख लिया हैं ।
जो हर बात पे घर से निकल जाया करती थी आज वो रोकर आंसू पोंछना सीख लिया हैं ।
एक लड़की की कहानी
औरत तेरी यही कहानी कभी आग तू कभी हैं पानी,
तू चाहे तो सब बना दे और चाहे तो सब मिटा दे।
मन में प्यार का सागर हैं, आँखों में असुवन की गागर हैं ,
ये जितनी कोमल हैं उतनी ही मजबूत भी हैं,
जब तक प्यार से लोगे काम, तेरे बनेगे बिगड़े काम ,
खूब बढ़ोगे तुम आगे ना होंगे तुम कभी नाकाम ।
Message from every girl
एक लड़की जिसकी जीवन से ज्यादा expectation नहीं होती हैं, उसे सक्षम बनाओ, उसे आगे बढ़ाओ । एक लड़की के बढ़ने से आपका घर और समाज सब आगे बढ़ेगा ।
हर लड़की की इज्जत करो। यदि आप उसे सम्मान देंगे तो वह आपको सब कुछ देगी। लड़की की तुलना लक्ष्मी जी से की गई है, ऐसा कहा जाता है कि जिस घर में महिलाएं खुश होती हैं, वहां लक्ष्मी का वास होता है।