दोस्तों का चुनाव कैसे करे, इस जीवन में दोस्तों का अपना एक अलग ही महत्व हैं, और दुनिया में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं होगा जिसका कोई दोस्त ना हो। दोस्ती बहुत ही खूबसूरत अहसास हैं, दोस्त वो हैं, जो आपके साथ हर सुख और दुःख में खड़ा रहे, जो आपके बोले बिना आपके चेहरे को देखकर ही आपके मन का हाल पढ़ ले, जो आपको हमेशा अच्छे रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करता रहे।
बचपन से लेकर जवानी के सफर को तय करते हुए, बुढ़ापे तक या यूं कहिये जिंदगी के अंत तक एक अच्छे दोस्त की जरुरत होती हैं, क्योंकि एक दोस्त ही होता हैं, जिससे अपने दिल की हर बात को share कर पाते हैं, जो की बहुत जरुरी हैं।
कहते हैं कि यदि किसी के स्वभाव के बारे में पता करना हो, तो उसके दोस्त से बात कर लो, हालांकि ऐसा नहीं हैं, दो अलग -अलग रूचि वाले लोग भी दोस्त हो सकते हैं, पर ज्यादातर लोग एक तरह की सोच और समझ वाले होते हैं।
दोस्त ऐसा होना चाहिए जो आपके जीवन को सफलता की और ले जाए, यदि आप ऐसे किसी दोस्त के साथ में अपना समय बिता रहे हैं, जो आपको जीवन में पीछे की तरफ ले जा रहा हैं, तो आप जहा हैं, वही रुक जाईये और एक बार अपनी दोस्ती के बारे में सोचिये फिर आगे बढिये।
आप सोच रहे होने की दोस्तों का चुनाव करने की क्या जरुरत हैं, जो दोस्त बन जाए, वो ठीक हैं ऐसा सही नहीं हैं, क्योंकि दोस्त यदि ठीक नहीं हैं, गलत मार्ग पर हैं, तो आप उसको ठीक तो नहीं कर पाएंगे बल्कि बहुत ज्यादा चान्सेस हैं, कि आप उसके जैसे बन जाए।
जो व्यक्ति सच्चा और ईमानदार हो
ऐसे व्यक्ति से दोस्ती करे, जो जीवन के प्रति और लोगो के प्रति ईमानदार हो, क्योंकि जिसकी आदत बेमानी करने की हैं, वो आपको भी नहीं छोड़ेगा।
आज ज्यादातर लोग ऐसे हैं, जो दिखते तो बिलकुल सही हैं, पर अंदर से उतने ही ख़राब होते हैं।
आज लोग सबसे ज्यादा दोस्त का ही फायदा उठाते हैं, और उससे जितना ले सकते हैं, ले लेते हैं, ये एक बार भी नहीं सोचते हैं, कि ये मेरा दोस्त हैं, तो मैं इससे फायदा ना लूं, इसलिए ऐसे व्यक्ति के साथ दोस्ती बनाये, जो आत्मिक रूप से सभी के प्रति ईमानदार हो।
जो व्यक्ति आपकी अच्छाइयों के साथ आपकी गलतियां भी बताये
जो दोस्त आपकी गलतियों पर पर्दा डाले, आपको सही और गलत ना बताये, आपकी हर बुरी बात में भी हाँ में हाँ मिलाये, वो आपका दोस्त नहीं बल्कि सबसे बड़ा शत्रु हैं, ऐसे लोगो से तुरंत दूर हो जाइये, नहीं तो ये आपकी जिंदगी में उथल -पुथल मचा देंगे।
सच्चा दोस्त वो हैं, जो आपकी गलती होने पर, आपको गलत कहे, आपको डांटें, आपको समझाए और दोबारा ना करने के लिए कहे।
गलत दोस्त के साथ उठना -बैठना आपको एक दिन किसी बड़ी मुसीबत में डाल सकता हैं, इसलिए किसी को भी दोस्त ना बनाये, उन्हें ही अपनी friend list में शामिल करे, जो आपके लिए ठीक हो।
जो व्यक्ति मुसीबत पड़ने पर आपके साथ खड़ा रहे
आज कहने को हर किसी के बहुत से friend हैं, फिर चाहे Facebook friend हो, Instagram friend हो, KOO friend हो, Twitter friend हो, या फिर पड़ोस के friend हो, पर उनमे से कितने लोग ऐसे हैं, जो मुसीबत पड़ने पर नजर भी ना आये, जवाब आपको मिल गया होगा।
दुनिया में वो व्यक्ति दोस्ती के लायक हैं, जो दोस्त के ऊपर मुसीबत आने ना दे, और यदि कही से मुसीबत आ भी जाए तो उस मुश्किल घड़ी में अपने दोस्त का सही मार्गदर्शन करे, और उसके लिए जो बन सके, वो सब करे।
कौन अच्छा हैं, और कौन बुरा, कौन साथ देगा और कौन साथ नहीं देगा, इसका पता तो सिर्फ मुसीबत में पता चलता रहता हैं, इसलिए आप जब भी किसी के साथ दोस्ती का रिश्ता कायम करे, तो पूरी तरह से उस व्यक्ति के बारे में समझ ले।
जो व्यक्ति समझदार और धैर्यवान हो
आज दुनिया में ऐसे बहुत से पागल और बेवकूफ किस्म के लोग हैं, जो हर छोटी बात पर लड़ने को तैयार बैठे हैं, ऐसे में यदि आप और आपका दोस्त समझदार और धैर्यवान हैं, तो आप ऐसे लोगो को अपनी समझ से handle कर सकते हैं, पर यदि आपका दोस्त समझदार और धैर्यवान नहीं हैं, तो आप हर छोटी बात को manage नहीं कर पायेगा।
जीवन में बहुत से ऐसे उतार -चढाव आते हैं, जब सबसे ज्यादा समझदार और धैर्यवान व्यक्ति की जरुरत पड़ती हैं, इसलिए खुद भी समझदार और धैर्यवान बनिए और जिससे आप दोस्ती करे, वो भी आपके जैसे हो, जिससे आपके रिश्ते की नीवं और भी मजबूत हो जायेगी।
जो व्यक्ति आपकी पसंद और नापसंद को समझे
आज कहने को तो लोग कहते हैं, कि ये मेरा best friend हैं, पर उसके best friend को क्या पसंद हैं, और क्या नहीं पसंद हैं, ये तक नहीं पता हैं।
दोस्त वो हैं, जो दोस्त की पसंद को भी रेस्पेक्ट दे, ऐसा ना हो, कि हर जगह अपनी -अपनी ही चलाये।
दोस्ती में एक दूसरे की पसंद और ना पसंद का पता होना बहुत जरुरी हैं।
जो व्यक्ति दोस्ती में दिखावा ना करे
जब भी आप किसी से दोस्ती करे, तो उसमे दिखावे को जगह ना दे क्योंकि दिखावा कही ना कही कम्पटीशन को जनम दे दे देता हैं।
सच्चा दोस्त वो हैं, जो आपको उसी रूप में स्वीकारें, जैसे आप हैं।
अक्सर लोग दोस्त तो बोलते हैं, पर दोस्त के सामने ही सबसे ज्यादा दिखावा करते हैं, जो कि ठीक नहीं हैं। आज हर किसी को एक ऐसी दोस्त की जरुरत हैं, जो अपने दोस्त से खुलकर अपनी बात को कह पाए, और उसका दोस्त भी उसे समझने की पूरी कोशिश करे।
दोस्त एक दूसरे की प्रशंशा करे
एक दोस्त को दूसरे दोस्त की छोटी -छोटी बातों की प्रशंशा करनी चाहिए, इससे दोस्ती में एक दूसरे के लिए प्यार और आदर की उत्पत्ति होती हैं।
हर किसी में कुछ ना कुछ तो खूबी जरूर होती हैं, तो ऐसे में सदैव खूबियों के बारे में बात करे, और कमियों को अनदेखा करके जिंदगी में आगे बढ़ जाए।
एक दूसरे के प्रति आदर का भाव रखे
दोस्ती में ये कतई ना करे, कि ये तो मेरा जिगरी दोस्त हैं, इसके लिए जो भी करना हैं, वो बाद में करूंगा।
दोस्त को सदैव special feel करवाये और उसके साथ हमेशा आदर और प्यार से ही पेश आये।
कभी भी किसी के आत्म -सम्मान को ठेस ना पहुँचाये, कभी -कभी मजाक में कही गयी बात भी दिल के टुकड़े कर सकती हैं। अक्सर हम सब जाने -अनजाने में ऐसी बात कह जाते हैं, जो उस समय नहीं कहनी चाहिए थी, इसलिए सदैव बोलने से पहले थोड़ा जरूर सोचे क्योंकि टूटे हुए धागों को जोड़ना मुमकिन नहीं हैं।
आप ऐसे समझ लीजिये, कि आप अपने दोस्त से जैसा व्यवहार चाहते हैं, वैसा ही आप उसके साथ करे।
हर बात पर शिकायतें ना करे
आज ज्यादातर लोगो को हर बात से प्रॉब्लम होती हैं, जो कि ठीक नहीं हैं। जिंदगी में adjustment का बहुत बड़ा रोल हैं, और adjustment हर कोई करता हैं, ऐसे में यदि आप अपने रिश्तों में शिकायतों को जगह देते हैं, तो सबसे बड़ी गलती करते हैं। आप इतने adjustable बने, कि हर माहौल में और हर किसी के साथ आसानी से मिल जाए।
जिस तरह से ताली बजाने के लिए दोनों हाथों की जरुरत होती हैं, वैसे ही दोस्ती का रिश्ता चलाने के लिए दोनों पक्षों की तरफ से बरती गयी समझदारी की जरुरत होती हैं, इसलिए यदि आपकी दोस्ती ठीक से नहीं चल पा रही हैं, तो गलती दोनों की हो सकती हैं, ये बात अलग हैं, किसी की कम तो किसी की ज्यादा, इसलिए बेहतर दोस्ती के लिए दोनों पक्षों का मजबूत होना बहुत जरुरी हैं।
अच्छे दोस्त बनाइये, मुस्कराइए, खिलखिलाइये और जिंदगी के ये खट्टे -मीठे तराने खुद भी सुनिए और अपने दोस्तों को भी सुनाइए।