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Why travelling is important क्योंकि जीवन में travelling(यात्रा) करने का अपना का एक अलग ही महत्व हैं, देखा जाए तो travelling करने के बहुत से फायदे हैं।

सबसे पहले तो आप सब याद कीजिये की आखिरी बार कब और कहा घूमने गए थे, किसके साथ गए थे और कितने दिन के लिए गए थे ?

यहाँ पे याद करने के लिए इसलिए कहा आ रहा हैं, आप अपनी last trip को याद करके काफी अच्छा feel करेंगे, और फिर से इस year घूमने जाएंगे।

पहले तो ये समझ लीजिये travelling बहुत इम्पोर्टेन्ट हैं, और travelling करने से किन -किन चीजों के बारे में पता लगता है, कैसी feeling आती हैं, इन सब के बारे में भी आगे चर्चा करेंगे।

वास्तव में देखा जाए, Travelling ही आपको दुनिया के दर्शन करवाती हैं, आप अपनी नजरों से इस रंग -बिरंगी दुनिया को, विभिन्न वर्ग, धर्म और जाति के लोगो से रूबरू हो पाते हैं।

देखा जाए तो दुनिया भर का knowledge Travelling से मिलता हैं।

Why travelling is important
Why travelling is important

एक ट्रैवलर उन बहुत से लोगो से ज्यादा जानता हैं, जिन लोगो ने ज्यादा Travelling नहीं की, इसलिए जब भी मौका मिले अपने देश-विदेश के दर्शन जरूर करे।

Benefits of travelling (ट्रैवेलिंग करने के फायदे )

Travelling एक तरह की mental and physical therapy हैं, जिसे हर व्यक्ति को समय -समय पे लेते रहना चाहिए क्योंकि जिस तरह पेट भरने के लिए भोजन की जरुरत होती हैं, वैसे ही mentally and physically grow करने के लिए travelling जरुरी होती हैं।

To refresh and energize the mind (दिमाग को तरोताजा और ऊर्जावान करने के लिए)

देखा जाए यदि कोई भी व्यक्ति एक लम्बे समय से कही आ जा नहीं रहा हैं, तो वह व्यक्ति कही ना कही एक जैसे माहौल में खुद को कही खो देता हैं कि जिस ऊर्जा के साथ उसे काम करना चाहिए, वह नहीं कर पाता हैं।

Travelling आपके mood को fresh महसूस करवाएगा, आप और ज्यादा positive feel करेंगे।

दुनिया में आप चाहे जितना पैसा कमा ले , पर यदि उस पैसे से थोड़ा -बहुत enjoy नहीं किया गया तो भी आप अच्छा महसूस नहीं करेंगे।

जब भी आप कही बाहर घूमने जाएंगे तो आपने भी feel किया होगा की आप खुद को काफी ऊर्जावान और तरोताजा महसूस करते हैं।

कही भी बाहर घूम कर आने के बाद कितनी positive talks होती हैं, की जब आप उस यात्रा (journey) के बारे में कभी भी किसी को बताते हैं , तो आप जितनी बार बताते हैं, उतनी बार उस जगह पे मन से फिर पहुंच जाते हैं।

Understanding different food cultures (अलग -अलग फ़ूड कल्चर को समझना)

आप चाहे जिस जगह के हो, जैसे भी खाना खाते हो, पर जब आप कही किसी भी राज्य या देश में घूमने जाते हैं, तो जब आप वहा के food culture से रूबरू होते हैं, तो आप कही और ज्यादा अच्छा feel करते हैं।

एक जैसा खाना कोई भी नहीं खाना चाहता हैं, इसलिए तो आज किसी भी राज्य या देश में हर जगह का खाना आसानी से मिल जाता हैं।

देखा जाए तो अलग -अलग food culture को समझने में जो आनंद आता हैं, उसकी तो बात ही अलग है।

एक बात ये भी सही हैं की जो व्यक्ति जिस राज्य का होता हैं, वह वही का खाना अच्छा बना पता हैं, जैसे एक साउथ इंडियन जितना अच्छा डोसा बनाएगा, और कोई नहीं बना सकता हैं।

Different types of food of India (भारत के विभिन्न प्रकार के भोजन)

महाराष्ट्र- मिसल पाव
पंजाब- मक्की दी रोटी और सरसों दा साग
पश्चिम बंगाल- कोशा मंगशो
गुजरात-ढोकला
कश्मीर- रोगन जोश
तमिलनाडु- पोंगल
असम- पपीता खार
तेलंगाना- बिरयानी
आंध्र प्रदेश- पुथारेकुलु
हिमाचल प्रदेश- धामी
उत्तराखंड- काफुली
गोवा- फिश करी
बिहार- लिट्टी चोखा

Learn about different outfits (अलग -अलग पहनावे के बारे में जानना)

पहनावा किसी भी व्यक्ति की पहचान करवाती हैं, देखा जाए दुनिया में जितनी जगह हैं, वहा के लोगो का पहनावा भी अलग -अलग हैं।

Travelling करने से आप जगह -जगह के पहनावे के बारे में जानेंगे और जो आपको अच्छा लगेगा उसे आप भी कभी कभार पहन सकते हैं।

अक्सर आपने भी देखा होगा की जब लोग बाहर कही भी टहलने जाते हैं तो वहा की पोषक में फोटो जरूर खिंचवाते हैं और वहा की यादों को फोटो में कैद कर लेते हैं।

सच में अलग -अलग लोगो की dresses को देखना और फिर उनको अपनी पसंद के अनुसार पहनना, बिलकुल यह बहुत ही अलग feeling हैं।

उत्तर प्रदेश- साड़ी, धोती – कुर्ता पायजामा

असम- मेखला सदोर, धोती, कुर्ता और गौछा

पंजाब – कुर्ता और मुक्तसरी पजामा, पटियाला या चूड़ीदार सलवार सूट

जम्मू और कश्मीर- फेरान (पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए सामान्य, हिंदू और मुसलमान दोनों के लिए )
आंध्र प्रदेश- सिल्क साड़ी, कुर्ता और फुल लेंथ धोती

हरियाणा- धोती- कुर्ता, लंबी टखने की लंबाई वाली स्कर्ट जिसे दामन कहा जाता है, एक कुर्ती और एक चादर को ओढ़नी कहा जाता हैं।

तमिलनाडु- कांचीपुरम या कांजीवरम साड़ी, शर्ट और अंगवस्त्र के साथ लुंगी

गुजरात- धोती या चूड़ीदार पजामा और कुर्ता, घाघरा, चोली और सिर पे घूंघट

अरुणाचल प्रदेश- शॉल, रैप और स्कर्ट, कान बिना आस्तीन की रेशमी सामग्री जिसके किनारों को कंधे से जोड़ा जाता है।

महाराष्ट्र- धोती कुर्ता और साड़ी धोती स्टाइल

छत्तीसगढ़- साड़ी को लुगड़ा के नाम से जाना जाता है और इसे पोलखा नामक ब्लाउज के साथ पहना जाता है। पुरुष धोती और कुर्ता पहनते हैं।

गोवा- लंबी, पत्थर जड़ित नौ गज की साड़ियाँ, हाफ पैंट और बीच शर्ट, टोपी के साथ

नागालैंड- कपड़ा कमर, लहंगा और एक आवरण के चारों ओर लपेटा जाता है, जिसे एक पारंपरिक शॉल द्वारा बढ़ाया जाता है जिसे रतपफे कहा जाता है।

हिमाचल प्रदेश- धोती या चूड़ीदार पजामा, कुर्ता, राहाइड, और घाघरा लहंगा चोली, स्कार्फ और शॉल के साथ

झारखंड- ब्लाउज और साड़ी, कुर्ता और शर्ट को पजामा और सलवार के साथ पहना जाता हैं।

कर्नाटक- कांचीपुरम या कांजीवरम सिल्क साड़ी, धोती और कुर्ता

केरल- राज्य के पारंपरिक पहनावे को ‘मुंडू’ शरीर का निचला हिस्सा कहा जाता है और यह कमर के चारों ओर बंधा हुआ एक लंबा कपड़ा है, जो उनके टखनों तक पहुंचता है।

मध्य प्रदेश- ओढ़नी या लुगरा के साथ लहंगा और चोली, बांदी के साथ धोती, जैकेट और हेडगियर का भी प्रयोग करते हैं।

मणिपुर- एक शॉल या दुपट्टा जिसे इन्नाफी कहा जाता है और एक स्कर्ट जिसे फनेक कहा जाता है, जो छाती के चारों ओर लपेटी जाती है, धोती जो साढ़े चार मीटर लंबी होती है (हेडगियर एक सफेद पगड़ी का भी प्रयोग)

मेघालय- महिलाएं कपड़े के कई टुकड़े पहनती हैं, शरीर को एक बेलनाकार आकार देती हैं, पुरुष बिना कॉलर के लंबे बिना आस्तीन का कोट पहनते हैं, जो सामने पेटी द्वारा बांधा जाता है।

मिजोरम – पुरुषों और महिलाओं दोनों के कपड़े समान पैटर्न वाले होते हैं। पुआन ‘महिलाओं द्वारा पहना जाता है। पुआन में काले, सफेद और लाल रंग के शेड्स हैं, काला रंग सिंथेटिक फर से बना होता है। कपड़े का एक लंबा कपड़ा लगभग 5 से 6 फीट लंबा होता है, जिसे वे खुद से लपेटते हैं। वे सर्दियों में अपने ऊपरी शरीर को ढकने के लिए अतिरिक्त कपड़े पहनते हैं। उनके पास लाल और सफेद रंग का एक पारंपरिक कोट भी होते हैं।

नागालैंड- पुरुष किल्ट और रैपर होते हैं, जबकि महिलाएं स्कर्ट, शॉल और एप्रन का उपयोग करती हैं। महिलाओं की स्कर्ट कपड़े की एक शीट होती है जिसे कमर के साथ रोल करके इस्तेमाल किया जाता है और जो पैरों को ढंकने के लिए नीचे की ओर झुकती है। गले के आभूषण मुख्य रूप से मोतियों, गोले, सूअर के दांत और सींग के तार होते हैं।

ओडिशा- धोती, कुर्था, और गौछा, साड़ी (संबलपुरी साड़ी) या सलवार कमीज

राजस्थान- पुरुष धोती, कुर्ता, अंगरखा और पगगर या साफा (पगड़ी का सिरहाना) पहनते हैं। महिलाएं घाघरा (लंबी स्कर्ट) और कांची (शीर्ष) पहनती हैं।

सिक्किम- पुरुष सदस्य खो के नीचे ढीली पतलून पहनते हैं। लेपचा महिलाओं की पारंपरिक पोशाक को दमवम या दमदम कहा जाता है। यह टखने की लंबी पोशाक है जिसे साड़ी की तरह पहना जाता है।

तेलंगाना- साड़ी, लंगा वोनी, शलवार कमीज, और चूड़ीदार, धोती और शर्ट और यहाँ धोती को पंच के नाम से भी जाना जाता है।

त्रिपुरा- शरीर के निचले आधे हिस्से के लिए महिलाओं के लिए पोशाक को रिग्नाई कहा जाता है और शरीर के ऊपरी आधे हिस्से के लिए, कपड़े में दो भाग रीसा और रिकुतु होते हैं। पुरुष कमर के लिए ‘रिकुतु’ और ‘कमछल्वी बोरोक’ पहनते थे।

उत्तराखंड- महिला घागरा, आगरी, धोती कुर्ता, भोटू। पुरुषों की हुरिदार पायजामा, कुर्ता, गोल टोपी या जवाहर टोपी, भोटू, धोती, मिर्जे

पश्चिम बंगाल- साड़ी और सलवार कमीज, धोती, पंजाबी, कुर्ता, शेरवानी, पायजामा और लुंगी

Learn about different customs (अलग -अलग रीती -रिवाजो के बारे में जानना)

जब आप दुनिया में कही भी ट्रेवल करेंगे तो आप वहा के रीति -रिवाजो और त्योहारों को और अच्छे से जान पाएंगे और उनका आनंद भी ले पाएंगे।

Travelling ही एक ऐसा माध्यम हैं जिसके through आप पूरी दुनिया का चक्कर लगा सकते हैं, और अपने ज्ञान को भी और उचाईयों तक ले जा सकते हैं।

भारत में बौद्ध, हिंदू, मुस्लिम, जैन, सिख और विभिन्न आदिवासी आबादी के लोग रहते हैं । भारत हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म, सिख धर्म और अन्य धर्मों का जन्मस्थान है।

भारत में अलग -अलग धर्मो के लोगो के अलग -अलग रीति-रिवाज भी हैं, और सभी लोग अपने धर्म के अनुसार अपने जीवन को जीते हैं।

भारत में हर धर्म समान हैं, इसलिए यहाँ सभी एक -दूसरे के रीति -रिवाजो का पूरे दिल से आदर करते हैं, और सभी एक दूसरे के त्यौहार को भी बढ़ -चढ़कर मनाते हैं।

Know about the different seasons (अलग -अलग मौसमो के बारे में जानना)

मौसम, जो की प्रकति के द्वारा दिया गया एक ऐसा उपहार हैं, जो अमूल्य हैं। जब आप दुनिया को ट्रेवल करेंगे तब आपको पता चलेगा की कब, कहा कैसा मौसम हैं।

कही बारिश हैं, तो कही धूप हैं, कही पतझड़ हैं, तो कही बसंत ऋतु का आगमन, मतलब आप अपने mood के हिसाब से अपनी Travelling के लिए एक सही destination decide कर सकते हैं।

यदि आप गर्मी वाले जगह पे हैं, तो आप पहाड़ो पे चले जाईये ऐसे ही आप अपने इंटरेस्ट के हिसाब से अपनी journey को exciting बना सकते हैं।

Learn about different currencies (अलग -अलग करेंसी के बारे में जानना)

पैसा, जिससे की ये दुनिया चल रही हैं, और हम सबको पता हैं की दुनिया में हर जगह अलग -अलग करेंसी चलती हैं। क्या आप भी देखना चाहते हैं, अमेरिका की करेंसी, जापान की करेंसी, चाइना की करेंसी, तो बिलकुल आप अपनी Travelling को और exciting बना सकते हैं।

घूमने टहलने के पीछे अगर कुछ motive जुड़ जाए तो उस यात्रा का क्या कहना, इसलिए दुनिया को घूमिये और वहा के बारे में पता कीजिये, ऐसा करने से आप कही अच्छा feel करेंगे क्योंकि knowledge कभी भी बेकार नहीं जाता हैं, वह कही ना कही, कभी ना कभी काम जरूर आता हैं।

To know about the belief of different gods and goddesses (अलग -अलग देवी -देवताओ की मान्यता के बारे में जानना)

Travelling करने का एक बहुत बड़ा फायदा हैं, की आप उस जगह के लोगो की आस्था के बारे में समझ सकते हैं।

Travelling करने से अलग -अलग देवी -देवताओ की मान्यता के बारे में भी जाना जा सकता हैं, क्योंकि यदि आपकी आस्था दुर्गा जी में हैं, और आपको वैष्णो देवी जाना, तो वहा जा कर और ज्यादा इनफार्मेशन ले सकते हैं, आपके मन में जो सवाल हैं, उनको क्लियर कर सकते हैं।

आज आध्यात्मिक places Travelling के लिए एक बहुत बड़ी destination बन चुके हैं।

Travelling करके आप जान सकते हैं, की कौन से भगवान् कहा हैं, जो भी आध्यात्मिक places हैं, उनके पीछे प्रसिद्धि का क्या कारण हैं।

Learn about new cultures (नई संस्कृतियों के बारे में जानना)

यदि आप भी नयी – नयी संस्कृतियों के बारे में जानना चाहते हैं, तो Travelling स्टार्ट कीजिये।

आज बहुत से लोगो को पसंद होता हैं की वह नयी -नयी संस्कृतियों के बारे में जानना चाहते हैं, उसके पीछे के इतिहास को जानना चाहते हैं।

देखा जाए, जितने भी महान लोग थे वह एक जगह से दूसरी जगह इसलिए जाते थे की वह वहा के लोगो को और वहा के culture को और बेहतर से समझ पाए।

Traveling is important for self development (आत्म विकास के लिए ट्रैवेलिंग इम्पोर्टेन्ट हैं)

आत्म विकास के लिए travelling बहुत ही ज्यादा इम्पोर्टेन्ट हैं। अच्छा आपको क्या लगता हैं, कि हर चीज का knowledge किताबों से ले लेना, और एक खुद उस जगह पे जाके, feel करना बिलकुल अलग हैं।

Practical Knowledge और अनुभव तभी मिलता हैं जब कोई भी व्यक्ति खुद से उस काम को करता हैं इसलिए यदि आप खुद का विकास करना चाहते हैं तो travelling करते रहिये।

Travelling से आपको जो अनुभव मिलेगा, वह आपकी लाइफ में बहुत ज्यादा value को add करेगा।

आप बहुत कुछ सीखेंगे, जो की आपकी life में काम आएगा और आप बहुत से लोगो की भी help कर पाएंगे।

For inner peace of mind (अपने मन की आंतरिक शांति के लिए)

अपने मन की आंतरिक शांति के लिए के लिए travelling करना बहुत जरुरी हैं।

एक से माहौल से हर कोई बोर हो जाता हैं, इसलिए refreshment की जगह और लोग दोनों को बदल देना चाहिए, ऐसा करने से आप और ज्यादा अच्छा feel करेंगे, और अपने काम को भी और ज्यादा उत्साहित होकर करेंगे।

Getting practical education through traveling (ट्रैवेलिंग के द्वारा व्यावहारिक शिक्षा की प्राप्ति करना )

Travelling के द्वारा व्यावहारिक शिक्षा की प्राप्ति होती हैं। जो लोग जितने लोगो से मिलते हैं, जितनी नयी -नयी जगह पे जाते हैं, ऐसे लोग बहुत ही व्यावहारिक जीवन जीते हैं क्योंकि वह दुनिया में अलग -अलग लोगो से मिलकर समझ चुके होते हैं की ये दुनिया अकेले रहने के लिए नहीं हैं बल्कि सबके साथ समय बिताने के लिए हैं।

Meet new friends (नए दोस्त मिलते हैं)

Travelling करने का एक ये भी बहुत बड़ा फायदा हैं, की नए – नए दोस्त मिलते हैं, जो आपको जीवन में एक नयी राह दिखाते हैं।

आज दोस्ती करना किसे अच्छा नहीं लगता हैं, पर अच्छा दोस्त आपके बगल में हो ऐसा तो जरुरी नहीं हैं इसलिए ट्रेवल करते रहिये, आपको नहीं पता की कब, कौन और कहा कोई ऐसा व्यक्ति आपको मिल जाएगा, जिसके आने से आपकी life खुशियों से भर जायेगी।

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Lets Travel the world with me…

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