शिक्षा को जीवन का सबसे पहला लक्ष्य बनाओ। शिक्षा जीवन का लक्ष्य हैं , स्वयं को शिक्षित कर दूसरों को भी करें । शिक्षा के उद्देश्य सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं हैं , बल्कि वह ज्ञान हैं जो की आपकी असल जिंदगी से जुड़ा हैं ।
समय चाहे जैसा हो, अपनी पढाई को बीच में ना छोड़े । शिक्षा आपके जीवन के सारे दुखों को समाप्त कर देंगी ।
दुनिया में शिक्षक को भगवान् का स्थान प्रदान किया गया हैं और ना जाने कितने महापुरुषों ने शिक्षा को बढ़ाने के लिए अपना पूरा जीवन न्यौछावर कर दिया ।
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, जिनके सम्मान में उनके जन्मदिवस पर पूरे देश में शिक्षक दिवस मनाया जाता है, शिक्षक दिवस हर साल 5 सितम्बर को पूरे हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता हैं , इस दिन सभी लोग शिक्षको को अपने – अपने तरीके से धन्यवाद् करते हैं ।
शिक्षा जगत में जाकिर हुसैन जी का बहुत बड़ा योगदान रहा उन्होंने अलीगढ़ में 1920 में जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय की नींव रखी, जो की आगे चलकर दिल्ली में स्थान्तरित करवाया गया ।
भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने हमेशा ही सबको शिक्षा पर बल दिया हैं , उन्होंने शिक्षा जगत में अपार योगदान किया ।
अर्थशाष्त्री कौटिल्य ने भी शिक्षा को एक नए रूप में प्रस्तुत किया और कहा हैं की शिक्षा जीवन का लक्ष्य होना चाहिए ।
आज भी लोग कौटिल्य द्वारा कही गयी बातों का अनुशरण करते है, स्वामी विवेकानंद ने भी सभी को अच्छी शिक्षा मिले, इस बात पे जोर दिया और उन्होंने शिक्षा का जन -जन तक पहुंचाया।
आज जो लोग शिक्षित हैं वह दुनिया के सबसे धनी लोग हैं । शिक्षा को कभी भी अपने तक सीमित मत रखो अपने ज्ञान का प्रचार और प्रसार करो ।
शिक्षा ही ऐसी वस्तु है जिसे आप जितना बांटेगे ये उतना ही बढ़ती जायेगी । शिक्षा से आपको ज्ञान का वह भण्डार मिलेगा जिसे आप बाँटते थकोगे नहीं , जब भी आप किसी को शिक्षित करते हैं , तो आप उसके साथ जुड़े हुए सारे लोगो को शिक्षित कर देते हैं ।
शिक्षा भी एक दान हैं , जितना दे सकते हैं , देते रहिये । शिक्षा सबका जन्म सिद्ध अधिकार हैं । शिक्षक राष्ट्र का निर्माण करता हैं ।
आज जो शिक्षित हैं , वह दूसरों को भी शिक्षित कर देगा । शिक्षा का अधिकार सबके लिए हैं। हर वह व्यक्ति जो शिक्षा लेना चाहता हैं, वह जीवन के किसी भी काल में शिक्षा ले सकता हैं ।
भारतीय सविधान के (छियासीवां संशोधन) अधिनियम, 2002 के अनुच्छेद 21-क के अनुसार राज्य के द्वारा एक ऐसा कानून बनाया गया है, और हमारे भारतीय सविधान में शिक्षा को मौलिक अधिकार के रूप में छह से चौदह वर्ष के आयु तक के सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान बनाया गया हैं ।
किताबें बदल देंगी आपकी दुनिया
शिक्षा से लाभ
- शिक्षित व्यक्तियों का समाज में एक अलग स्थान होता हैं ।
- शिक्षित व्यक्तियों में धैर्य होता हैं ।
- शिक्षित व्यक्ति मानसिक रूप से बहुत साहसी होता हैं , वह जीवन की हर परेशानी को झेलने और सही निर्णय लेने में सक्षम होता हैं ।
- शिक्षित व्यक्ति ख़राब से ख़राब स्तिथि में भी संतुलन कर सकता हैं ।
- शिक्षित व्यक्ति हमेशा सभी को आदर की नजर से देखते हैं ।
- शिक्षित व्यक्ति की भाषा शैली बहुत ही अच्छी होती हैं , एक कहावत है की सिर्फ अच्छे कपडे पहनने से आप अपने अंदर के व्यक्तिव्य या अपने व्यवहार को नहीं बदल सकते , इंसान के बात करने से ही अंदाजा हो जाता हैं की वह कितना शिक्षित हैं ।
- शिक्षित व्यक्ति को कभी किसी बात का घमंड नहीं होता हैं ।
- शिक्षित व्यक्तियों के पास जीवन में सफलता के लिए हजारों द्धार होते हैं , उनके पास जीवन में आगे बढ़ने के बहुत सारे अवसर होते हैं, और ऐसे लोगो के पास कुछ भी ना हो पर ये कही ना कही से अपना रास्ता निकाल ही लेते हैं ।
- शिक्षा से ही आप जीवन में उठने , बैठने , और बोलने का तरीका सीखते हैं ।
- शिक्षा आपको जीवन में गौरवांतित महसूस करवाती हैं , शिक्षा में एक शिक्षक का बहुत बड़ा स्थान हैं, कोई भी छात्र आगे चलकर चाहे कितने ही बड़े औदे पर क्यों ना हो वह अपने शिक्षको का हमेशा ही सम्मान करता हैं ।
- शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ जीवन में पैसा कमाना नहीं हैं बल्कि जीवन में आपको अपने आस – पास के लोगो से कैसा व्यवहार करना हैं ।
- शिक्षित व्यक्ति हमेशा सोच समझकर बात करते हैं ।
शिक्षा हर बच्चे का जन्म सिद्ध अधिकार हैं, और हर माँ बाप कर कर्त्यव भी हैं की वह अपने बच्चे की शिक्षा में कोई कमी ना रखे । हर लड़का और लड़की एक समान शिक्षा ग्रहण करे ।
शिक्षा को कभी ना कोई छुपा सकता हैं और ना कोई दबा सकता हैं, शिक्षा अपने आप में एक ऐसा गुण हैं की जिसके साथ लग जाए उसका जीवन सफल हो जाए ।
शिक्षा हर मजहब, और धरम के लिए अनिवार्य होनी चाहिए।
खुद पढ़े और फिर दूसरों को पढ़ाये, जिससे आने वाले समय में हमारे देश में कोई भी अशिक्षित ना रह जाए।
कुछ सालों में शिक्षा का स्तर बढ़ने से भारत के विकास में तेजी आयी हैं , और आने वाले समय में शिक्षितों की कमी नहीं होगी ।
हम सब भारतियों को एक जुट होकर अपनी शिक्षा व्यवस्था को और अच्छा करना होगा और शिक्षा को जन -जन तक पहुँचाना होगा ।