दिवाली (Diwali ) एक ऐसा त्यौहार हैं जो लगभग पूरे भारत में मनाया जाता हैं, दिवाली दीयों का त्योहार हैं। जब श्री रामजी १४ वर्ष का वनवास पूरा करके अयोध्या आये थे उसी दिन को दिवाली के रूप में मानते हैं । रामजी के घर वापस आने की ख़ुशी में अयोध्या वासियों ने घी के दीपक जलाये और खूब खुशिया मनाई ।
दिवाली विशेष रूप से हिन्दुओं का मुख्य त्यौहार हैं पर अब धीरे – धीरे इसे सभी जाति, वर्ण और समुदाय के लोग मनाने लगे हैं, इसका मूल करना इस त्यौहार की खूबसूरती हैं , इस त्यौहार में पूरा शहर और घर एक नई – नवेली दुल्हन के तरह सजा दिया जाता हैं ।
दिवाली का इंतजार तो हम सबको पूरे वर्ष रहता हैं , दिवाली रूठों को मनाने , नए कपड़ो, घर में साफ़ सफाई, अच्छे – अच्छे व्यंजन और पकवान बनाने का त्यौहार हैं ।
दिवाली को सच्चे मन से बिना किसी का बुरा सोचे मनाये , इस लाइफ में आपके आस- पास जो भी लोग हैं उनसे प्यार करें, और उनके साथ यादगार पल बनाये ।
2020, Diwali 14 Novemberको हैं ।
2021, Diwali 4 November को हैं ।
2022, Diwali 24 October को हैं ।
दिवाली पांच दिनों का त्यौहार
धनतेरस (First Day)
दिवाली का फर्स्ट डे धनतेरस या धनत्रयोदशी के रूप में जाना जाता है। “धन” का अर्थ है धन और “तेरस” (पखवारे की तेरहवीं तिथि) हिंदू कैलेंडर पर एक चंद्र पखवारे के 13 वें दिन के सन्दर्भ में हैं । कहा जाता है की भगवान धन्वंतरि, हिंदू चिकित्सा के देवता और भगवान विष्णु के अवतार हैं, और इस दिन मानव जाति के लिए आयुर्वेद और अमरता का अमृत लाया गया था।
केरल और तमिलनाडु में धन्वंतरी और आयुर्वेद के कई मंदिर हैं। और अलग – अलग मान्यताओं में ये भी एक मान्यता हैं की देवी लक्ष्मी का जन्म इसी दिन समुद्र मंथन से हुआ था, और इसीलिए उनका विशेष पूजा के साथ स्वागत किया जाता है।
धनतेरस में सोने के आभूषण और अन्य धातुओं (रसोई के बर्तन सहित) को पारंपरिक रूप से खरीदा जाता है। इस दिन लोग ताश और जुआ खेलते हैं, क्योंकि ये इसी शुभ मानते हैं की और पूरे साल धन आएगा ।
नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली (Second Day)
दिवाली के दो दिन पहले का दिन नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली के रूप में मनाया जाता है। “नारका” का अर्थ है नरक और “चतुर्दशी” का अर्थ है हिंदू कैलेंडर पर एक चंद्र पखवाड़े का 14 वां दिन।
मान्यता हैं कि देवी काली और भगवान कृष्ण ने इस दिन राक्षस नरकासुर का विनाश किया था। गोवा में छोटी दिवाली के दिन रावण के पुतले जलाए जाते हैं। छोटी दिवाली के दिन ही शाम को घर की नाली पर दिया जलाकर रखते हैं , और घर के मुख्य द्वार और बालकनी में भी दिए लगते हैं
Diwali (Third Day -its Diwali day)
दिवाली का दिन अमावस्या के रूप में जाना जाता है। महीने का यह सबसे काला दिन उत्तर और पश्चिम भारत में दिवाली त्योहार का सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है। इस दिन शाम को की जाने वाली विशेष पूजा के साथ लक्ष्मी की पूजा की जाती है। गणेश और लक्ष्मी जी की एक साथ पूजा की जाती हैं ।
बाजारों में रंग बिरंगे और अनेको धातुओं से और मिटटी से बने गणेश और लक्ष्मी जी मिलते हैं । अनेको प्रकार की मिठाइयों से , पोहा से , खीर , बताशे और मेवा मिश्री से भगवान का भोग लगाया जाता हैं ।
घर को अच्छे से साफ़ किया जाता हैं । पूरा घर अच्छे से साफ़ सुथरा करके उसे अनेको प्रकार से सजाते हैं, सुन्दर – सुन्दर लाइट्स और फूलों से घर को सजाते हैं, शाम को नए कपडे पहनकर गणेश -लक्ष्मी की पूजा करते हैं, ये दिन बहुत ही सौभाग्य का दिन हैं ।
इस दिन लोग अपने गिले शिकवे भूल कर अपने के साथ समय बिताते हैं । दिवाली का टाइम बच्चो को बहुत पसंद होता हैं, एक तो स्कूल्ज की भी लम्बी छुट्टिया और घर में बने हुए पकवान , सच में ये दिन ऐसे होते हैं जिन्हे कभी भुलाया नहीं जा सकता हैं । एक दूसरे के घरों में जाते हैं, उपहार देते हैं, या यूं कहे की एक दूसरे से खुशिया बांटते हैं ।
गोवर्धन पूजा (Fourth Day)
दिवाली के दूसरे दिन का अर्थ भारत में हर जगह के हिसाब के अलग हैं जैसे उत्तर भारत में दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा के रूप में मानते है इस दिन के मान्यता हैं की इस दिन भगवान कृष्ण ने गरज और वर्षा से गोकुल वासियों की रक्षा की थी और देवता इंद्र को हराया था।
गुजरात में इसे नए साल की शुरुआत के रूप में मनाया जाता है।
महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु में, दानव राजा बलि पर भगवान विष्णु की जीत को बाली प्रतिपदा या बाली पडामी के रूप में मनाया जाता है।
इस दिन उत्तर भारत में गोबर से भगवान बनाये जाते हैं, और उनकी पूजा अर्चना की जाती हैं ।
भाई – दूज (Fifth Day)
दिवाली के क्रम में पांचवा दिन भाई दूज के रूप में मानते हैं, इस दिन बहने अपने भाई को टीका करती हैं और मिठाई खिलाती हैं । भाई अपनी बहनो को पैसे या उपहार देते हैं, ये दिन भाई और बहन के अटूट प्यार का दिन हैं ।
भाई बहन के घर जाते हैं, या बहन भाई के घर आ जाती हैं, इस दिन का इंतजार हर भाई और बहन को रहता हैं ।
दिवाली में रखे छोटी छोटी बातों का ध्यान
- पटाखे बच्चो की पहुंच से दूर रखे और दूर जलाये।
- शोर गुल, मस्ती, डांस धमाका करे पर रखे अपनों और अपने पड़ोसियों का ख़याल।
- मोमबत्ती और दीयों को पर्दों और दरवाजो से दूर रखे।
- अपनी और अपने घरवालों की सुरक्षा पूरा ख्याल रखे।
- नशा इत्यादि से बचे, और अपने परिवार वालो के साथ समय बिताये।
- एन्जॉय करें, पर ऐसा नहीं जिससे किसी और को परेशानी हो।
- लड़ाई-झगड़ा को अवॉयड करें, वह चाहे आपके खुद के घर में हो या किसी अन्य व्यक्ति से हो ।
दिवाली पर ना निकाले दिवाला
दिवाली खुशियों का त्यौहार हैं, और जरुरी नहीं हैं की खुश रहने के लिए आपको ढेर सारे पैसे खर्च करने पड़े। खुश रहने के लिए सबसे जरुरी होता हैं, किसी अपने का और अपनों का साथ , और जिसके पास ये दोनों हैं, वह बहुत खुसनसीब हैं । इस बार कोरोना की वजह से कही ना कही हर व्यक्ति के आर्थिक तंगी हैं, पूरी तरह से कोई भी सटिसफाईड नहीं हैं, इसलिए जितना बजट हो उतना ही खरीद और गिफ्ट दे।
कुछ लोगो ने तो इस कोरोना में किसी अपने को भी खो दिया होगा, सचमुच ये बहुत दुखदायी हैं , इसलिए जो हैं, उस पर ध्यान दे। आज हम सब दिखावे पर ज्यादा विश्वास करने लगे हैं, बाद में चाहे रोये, पर सबके सामने ऐसे दिखाएंगे की जैसे हम दुनिया के सबसे पैसे वाले और खुश इंसान हैं। इन सब ढकोसलों से बचे, आपके पास जो हैं, उसमे खुश रहे, दिवाली मन से मनाये, आपके अपने स्वस्थ रहे, दीर्घायु हो , ऐसी कामना करें।
ये कोरोना की दिवाली थोड़ी अलग और फीकी जरूर होगी , पर कोई बात नहीं अगले साल फिर दिवाली आएगी। लाइफ में सब कुछ एक जैसा नहीं रहता हैं, समय के साथ परिवर्तन होते रहते हैं। इसलिए घबराने की जरुरत नहीं है, बस अपने मन को शांत रख कर आने वाले त्योहारों को एन्जॉय करे।
दिवाली को अपने हिसाब से मनाये
दिवाली हो या होली, त्यौहार कोई भी हो, आज हर व्यक्ति अपने-अपने हिसाब से त्यौहार को मनाते हैं , और शायद ये सही भी हैं , किसी के देखा देखी में आप सिर्फ अपना नुक्सान ही करेंगे और कुछ नहीं, इसलिए जो आपको ठीक लगे, जैसे ठीक लगे, वैसे करें । किसी भी चीज की कोई लिमिट नहीं, ना सजावट की और ना ही व्यंजनों की, इसलिए अपनी हेल्थ को ध्यान में रखे और फिर काम करें, ऐसा ना हो की काम इतना ज्यादा ले ले और फिर दिवाली जाते ही आप डॉक्टर्स के चक्कर लगाने लगे । आपकी हेल्थ ही आपकी दिवाली हैं, मन चंगा तो कठौती में गंगा, इसलिए खुश रहे और स्वस्थ रहे।